राज्य स्थापना दिवस पर पूर्व सांसद सालखन मुर्मू क्यों हुए हाउस अरेस्ट?

, ,

Share:

जब प्रधानमंत्री भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति और जन्मस्थली जाकर श्रद्धांजलि दे सकते हैं, तो हम लोग नहीं? – यह प्रश्न आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के द्वारा ठीक उस दौरान किया गया जब प्रधानमंत्री मोदी भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देने उनके जन्मस्थली उलिहातू आए थे। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातिय गौरव दिवस घोषित कर दिया वहीं दूसरी ओर आदिवासियों के हक में लड़ने वाले सेंगल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू को कल यानी 15 नवंबर को हाउस अरेस्ट कर लिया गया हैं।

दरअसल, सेंगेल अभियान के सदस्यों ने पीएम मोदी को सरना धर्म कोड की घोषणा नहीं करने पर आत्मदाह की चेतावनी दी थी। इस पर एहतियात बरतते हुए पुलिस ने सालखन मुर्मू के कदमा आवास पर सुबह से ही घेराबंदी कर दी थी। हालांकि पुलिस ने सालखन मुर्मू को कुछ कहा नहीं, लेकिन उनके घर को पूरी तरह से घेर लिया था। उन्हें या किसी को भी कहीं बाहर आने-जाने के लिए संपूर्ण रूप से रोक लगा गई थी.

आपको बता दे की आत्मदाह की चेतावनी देने के लिए सेंगेल अभियान के चार कार्यकर्ताओं को बीते 13 नवंबर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जिनकी गिरफ्तारी के संबंध में अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू ने जानकारी देते हुए कहा कि 13 नवंबर सोमवार की रात को चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। यह बताया जा रहा हैं की जिनकी गिरफ्तारी हुई , उनमें बोकारो जिले के चंद्रमोहन मार्डी, पूर्वी सिंहभूम के पृथ्वी मुर्मू व विक्रम हेम्ब्रम और पश्चिमि सिंहभूम के कान्हूराम टुडू शामिल हैं।
15 नवंबर को हुए हाउस अरेस्ट के विषय पर अगर हम सालखन मुर्मू के प्रतिक्रिया की बात करे तो उनका कहना हैं की आदिवासी सेंगेल अभियान अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत साकची स्थित भगवान बिरसा की प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण अनशन करने का कार्यक्रम निश्चित किया था मगर उससे पहले ही हमें हाउस अरेस्ट कर लिया गया। और इसी वजह से आज के कार्यक्रम को हम स्थगित करने के लिए हम बाधित हैं। पुलिस का यह कदम प्रशासन की नकारात्मक और आदिवासी विरोधी रवैया को दर्शाता है।

इससे पहले भी वे सरना धर्म कोड का मुद्दा कोफी बार उठा चुके हैं। कुछ दिनो पहले यह भी कहा की जिसकी सरकार सरना धर्म कोड देगी, उसी को वोट देंगे आदिवासी। और अगर आदिवासियों को उनकी धार्मिक आजादी नहीं मिलती है, तो 30 दिसंबर को भारत बंद करेंगे.

Tags:

Latest Updates