पीएम के झारखंड आगमन को लेकर नहीं थम रहा तंज और आरोप का दौर, अब झामुमो ने साधा निशाना

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बीते 14 और 15 नवंबर को पीएम मोदी झारखंड दौरे पर आए थे, इस दौरान वे धरती आबा बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पहुंचे और और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम ने अपने झारखंड दौरे में आदिवासी समाज के हक अधिकार उत्थान की बात कही. 15 नवंबर को दोपहर के लगभग ढाई बजे पीएम रांची से दिल्ली के लिए रवाना हो गए लेकिन उसके बाद झारखंड में सत्तारुढ़ गठबंधन की पार्टियों ने पीएम के झारखंड आगमन पर खूब तंज कसा और कई तरह के आरोप लगाए. जहां एक ओर झारखंड कांग्रेस ने पीएम मोदी के झारखंड आगमन पर कहा कि बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि के बहाने उलिहातू का भगवाकरण कर दिया गया वहीं पीएम के आगमन पर झामुमो के भी तेवर तीखे नजर आ रहे हैं.

बीते कल झामुमो पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पीएम राज्य को डिस्टर्ब करने के लिए आए थे। आदिवासी-मूलवासी बेवकूफ नहीं रहे, जो कोई डमरू बजाकर बहला लेगा। पहले सीबीआई, आईटी और ईडी को लगाया और अब डिस्टर्ब करने के लिए पीएम खुद आते हैं।

सुप्रियो ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के योजनाओं की घोषणा और लांचिंग से जनता का ध्यान भटकाने और राजनीतिक प्रचार के लिए प्रधानमंत्री आए थे.

पूरा सरकारी महकमा आधे दिन तक उनके कार्यक्रम में व्यस्त रहा। अप्रत्यक्ष तौर पर उन्होंने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के लिए भगवान बिरसा मुंडा की धरती खूंटी व उलिहातू को चुना वो भी सरकारी खर्च पर चुना।

सुप्रियो ने कहा कि पीएम ने चुनावी प्रचार के लिए बिरसा मुंडा की धरती को चुना। यहां के लोगों के लिए कोई घोषणा नहीं की। हेमंत सरकार ने विधानसभा से सरना आदिवासी धर्म कोड पारित कराकर भेजा, लेकिन पीएम ने इसकी चर्चा तक नहीं की।
प्रधानमंत्री को आदिवासी से कोई प्रेम नहीं है। उन्हें आदिवासी सभ्यता, संस्कृति और पर्व-त्योहार के बारे में कोई जानकारी नहीं है.उनमें मणिपुर, मिजोरम, मेघालय जाने की हिम्मत नहीं है। वे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में नहीं जा सकते तो चुनाव प्रचार के लिए बिरसा मुंडा की धरती को चुना और यहां के आदिवासियों को बेवकूफ बनाया गया.

वहीं सुप्रियो के इस बयान के बाद झारखँड भाजपा ने भी झामुमो पर पलटवार किया है. भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद समीर उरांव ने झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान की कड़ी निंदा की है। समीर उरांव ने कहा कि सुप्रियो भट्टाचार्य का बयान अनर्गल है, जिसे पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, जिन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु में जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। झारखंड मुक्ति मोर्चा को इससे दिक्कत है।
उन्होंने कहा कि झामुमो को प्रधानमंत्री का यह दौरा डिस्टर्बिंग लग रहा है तो फिर ऐसी सोच का संवैधानिक उपचार भी जरुरी है. समीर उरांव ने सीएम सोरेन से इसका जवाब मांगते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनकी पार्टी झामुमो के इस बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

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