होरिल यादव फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म “लखी माई” की स्पेशल स्क्रीनिंग दो दिवसीय फ़िल्म फेस्टिवल चलचित्रम नेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ असम में किया गया. हालांकि, फ़िल्म की समय सीमा ज्यादा होने के कारण फिल्म के कांपीटेशन कैटेगरी में नहीं रखा गया लेकिन सेलेक्टर्स को फिल्म बहुत अच्छी लगी थी इसलिए इस फिल्म की स्क्रीनिंग रखी गई.
इस फिल्म के निर्देशक नितेश कुमार हैं. उन्होंने इस फिल्म के निर्देशन के अलावा कैमरा, एडिटिंग, वॉइस ओवर भी किया है. इस फ़िल्म के सुत्रधार नितेश कुमार के नाना-नानी दामोदर यादव और जामनी देवी हैं. फिल्म की पूरी शूटिंग पुरहारा गांव में ही हुआ है. इसके अलावा इस फिल्म की एडिटिंग मेवेरिक फ़िल्म रांची, जेसी फिल्म चंडीगढ़, संतोष एचडी वीडियोग्राफी और ग्लोबल फोटोग्राफी बरही में किया गया है. इस फिल्म को पीरोने का काम (स्क्रिप्टिंग) प्रणय प्रमोध पाठक के जिम्मे था. इस फिल्म में किसानों की नौ महीने की यात्रा को दिखाया गया है. जिसमें धान की खेती की विधि, इससे जुड़े परंपरा और संघर्ष को दिखाया गया है.
नितेश से जब इस फिल्म को लेकर बात हुई तब उन्होंने अपने प्रेरणा के रुप में झारखंड के जाने माने डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर श्री प्रकाश, बीजू टोप्पो और मेघनाथ सर को अपने प्रेरणा माना. इसके अलावा इस फिल्म की सफलता का पूरा श्रेय वे अपने पिता, नाना-नानी, फिल्म मेकर रूपेश साहू, तुषार, पुरुषोत्तम, रोहित पांडे, हिमांशु, रौशन और पूरे गावंवासियों को दिया है.