झारखंड के कोयला नगरी धनबाद में गैंगस्टरों का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है. धनबाद जिले में आपराधिक प्रवृत्तियों में बढ़ोत्तरी हो रही है. आंकड़ों की बात करें तो धनबाद पुलिस की बेवसाइट से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 6 महिनों में जिले में कुल 57 मर्डर हो चुके हैं, वहीं चोरी के 536 मामले पुलिस के पास आए हैं, किडनैपिंग के 42 मामले आ चुके हैं, इतना ही नहीं धनबाद में पिछले 6 महिने में 34 बेटियों के साथ दुष्कर्म भी हो चुका है और पुलिस ने आर्म्स एक्ट के 62 शिकायत दर्ज किए हैं. ये आंकड़े धनबाद के लोगों को डरा रही है. लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं अब जिलावासी पुलिस प्रशासन के भरोसे भी नहीं बैठे हैं अब वे खुद अपनी सुरक्षा का इंतजाम करने में लगे हैं.
दैनिक अखबार प्रभात खबर के अनुसार धनबाद में इस वर्ष जनवरी से लेकर जुलाई तक 50 लोगों ने जिला प्रशासन के पास पर्सनल हथियार यानी आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है. सरकारी फाइलों की मानें तो जिला प्रशासन से अभी तक 1300 से ज्यादा लोगों ने हथियार के लिए लाइसेंस लिया है.
इन हथियारों के लाइसेंस के आवेदन देने वालों में जिले के व्यवसायियों की संख्या सबसे ज्यादा है, इनके साथ साथ जिले के डॉक्टरों में भी खौफ का माहौल है. डॉक्टरों नें भी लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है.
बता दें कि ये जो लाइसेंस के आवेदन दिए गए हैं उनमें अधिकांश ने पिस्टल और रिवाल्वर के लिए आवेदन किया है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि ऐसे हथियार को साथ रखने और उपयोग करने में आसानी होता है.
आवेदन करने वाले लोगों ने बताया कि पिछले समय से उन्हें रंगदारी की मांग के लिए कॉल आते रहते हैं और साथ ही उन्हें जान से मार देने की धमकी भी मिलती रहती है. इन्हीं सब से बचाब के लिए लोग अपने पास हथियार रखना चाहते हैं ताकि जब उनकी जान पर बन आए तो ववे अपनी रक्षा कर सके.
नहीं तो झारखंड में फिलहाल पुलिस प्रशासन तो अपराधों पर लगाम लगाने में पूरी तरह फेल साबित हो रही है. डीजीपी अजय कुमार सिंह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ साथ ढारखंड हाईकोर्ट ने भी लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सवाल किया है लेकिन अब तक ना ही संतोषजनक उतर मिल पाया है और ना ही कोई एक्शन देखने को मिला है. अब ऐसा प्रतीत होता है कि धनबाद जिला के तर्ज पर पूरी झारखंड की जनता को अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं ही लेनी होगी.