क्या गांडेय में इस बार खिलने वाला है कमल, क्या कल्पना सोरेन पर भारी पड़ेंगी मुनिया देवी, आखिर क्यों कल्पना सोरेन के सामने भाजपा ने मुनिया देवी को चुना.
झारखंड की राजनीति में बीते 6 महिने से गांडेय विधानसभा सीट सबसे हॉट सीट बना हुआ है. हेमंत सोरेन के जेल जाने के समय से लेकर कल्पना सोरेन के विधायक बनने तक झारखंड में गांडे सीट की चर्चा रही है.
गांडेय में वर्तमान में कल्पना सोरेन विधायक हैं ,डॉ सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद गांडे में उपचुनाव हुए जिसमें झामुमो के टिकट से कल्पना सोरेन ने चुनाव लड़ी और जीती. अब चर्चा तेज है कि झामुमो एक बार फिर गांडेय से कल्पना सोरेन को ही टिकट देगी. कल्पना सोरेन के काट में भाजपा ने भी गांडेय से महिला प्रत्याशी को टिकट दिया है. भाजपा ने गांडेय से मुनिया देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
मुनिया देवी कैसे पड़ेंगी कल्पना सोरेन पर भारी ?
भाजपा के टिकट अनाउंस करने के बाद सबके मन में मुनिया देवी को लेकर कई सवाल हैं. आखिर कौन हैं मुनिया देवी, भाजपा ने कल्पना सोरेन के सामने आखिर मुनिया देवी पर भरोसा क्यों जताया. क्या मुनिया देवी पड़ेंगी कल्पना सोरेन पर भारी.
तो आपको बता दें कि भाजपा ने मुनिया देवी पर दांव खेला है इसका सबसे बड़ा फैक्टर है उनका स्थानीय होना. मुनिया देवी गांडेय से ताल्लुक रखती हैं उनका मायका गांडेय में ही है इनके सामने प्रतिद्वंदी कल्पना सोरेन का नीजी तौर पर गांडेय से कोई रिश्ता नहीं है. कल्पना सोरेन गांडेय की जनता के लिए बाहरी मानी जाती हैं. गांडेय उपचुनाव में कल्पना सोरेन सहानुभूति लहर में चुनाव जीत गई. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मुनिया देवी कल्पना सोरेन को कड़ी टक्कर दे सकती हैं. मुनिया देवी बीते कई सालों से राजनीति में सक्रिय हैं मुनिया देवी वर्तमान में गिरिडीह जिले की जिला परिषद अध्यक्ष भी है, वहीं कल्पान सोरेन बीते 6 महिनों से ही अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की हैं. जनता के बीच मुनिया देवी की अच्छी पैठ मानी जाती है. सारे समीकरणों को देखकर ये कहा जा सकता है कि इस बार बिना सहानुभूति लहर के गांडेय की राह झामुमो के लिए आसान नहीं होने वाली है. मुनिया देवी का पलड़ा कल्पना सोरेन से भारी लग रहा है. मुनिया देवी का जातीय समीकरण भी उन्हें बढ़त दिलाते नजर आ रहा है. मुनिया कुशवाहा समाज से आती हैं और गांडेय विधानसभा सीट पर कुशवाहा समाज के वोटरों किसी भी प्रत्याशी को कुर्सी दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
मुनिया देवी का राजनीतिक कैरियर
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुनिया देवी ने साल 2010-11 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की. मुनिया देवी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जमुआ पूर्वी भाग से जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुईं। इसके बाद जिला परिषद की अध्यक्ष बनीं। इसके बाद इनकी राजनीति में भागीदारी बढ़ती गई। 2022 में दोबारा जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुई और फिर से जिला परिषद अध्यक्ष बनीं.
मुनिया देवी ने बताया कि वो गांडेय की बेटी हैं और गांडेय के लोगों को ज्यादा अच्छे से पहचानती हैं. बीजेपी की ओर से गांडेय से प्रत्याशी बनाए जाने पर मुनिया देवी ने पार्टी नेताओं के प्रति आभार जताया है और जनसमर्थन की उम्मीद जताई है। बीजेपी की उम्मीदवार बनाए जाने पर मुनिया देवी नेएक्स पर अपने पोस्ट में लिखा है कि विधानसभा चुनाव के लिए गांडेय से भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी बनाने पर शीर्ष एवं प्रदेश नेतृत्व का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद। गांडेय विधानसभा क्षेत्र की देवतुल्य जनता एवं कार्यकर्ताओं के आशीर्वाद से हम एक बार फिर विकास और सुशासन का कमल खिलाएंगे । जिला परिषद की अध्यक्ष मुनिया देवी का कहना है कि गांडेय उनका मायका है और यहां के हरेक गांव-घर से वह वाकिफ हैं। यहां के लोग भी उनसे स्नेह करते हैं।