Ranchi : झारखंड विधानसभा को लेकर एनडीए गठबंधन में लगभग सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है वहीं इंडिया गठबंधन में अभी भी रायशुमारी चल रही है. लेकिन इससे जुड़ी एक खबर सामने आ रही है कि इंडिया गठबंधन विजयादशमी के बाद सीट शेयरिंग को लेकर बैठक करेगी.
मीडिया रिपोर्ट्स की मुताबिक सीट शेयरिंग होते ही झामुमो, कांग्रेस, राजद और वामदल भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने लगेंगे. इसके अलावे इस बार सीटों की साझेदारी में कुछ बदलाव भी हो सकते हैं. इसकी वजह यह है कि इस बार गठबंधन में वामदल का शामिल होना.
आपको बता दें कि पिछला विधानसभा चुनाव में झामुमो 43 कांग्रेस 31 व राजद को सात सीटें मिली थी. लेकिन इस बार सीट शेयरिंग में फेरबदल हो सकता है.इसके लिए सीटो पर पहले जीत का समीकरण देखा जाएगा. जिसके बाद मंथन कर सीट बांटवारा किया जाएगा.
सूत्रों की माने तो इस बार कांग्रेस व राजद के कोटे में कुछ सीटों पर कटौती की जा सकती है. जिसे वामदल को दिया जा सकता है. लेकिन कई सीटें ऐसी है जहां पिछला चुनाव में वामदल और झामुमो दोनों ने ही अपना उम्मीदवार दिया था. क्योंकि तब वामदल गठबंधन का हिस्सा नहीं था.
लेकिन अब वामदल गठबंधन में शामिल हो चुका है ऐसे में झामुमो को भी अपनी हिस्से की सीट देनी पड़ सकती है. चर्चाएं ये भी है कि मासस का माले में विलय होने से इस बार वामदल निरसा, सिंदरी और धनबाद सीटों की मांग कर सकता है. हालांकि ये तो सीट बांटवारे के बाद ही साफ हो पाएगा.
वहीं रांची विधानसभा सीट को लेकर कांग्रेस लगातार कहती आ रही है कि यह सीट उसके खाते में दे दिया जाए, लेकिन साल 2019 के चुनाव में झामुमो इस सीट पर दूसरे स्थान पर रहा था. उस दौरान झामुमो प्रत्याशी महुआ माजी मैदान में थी. लेकिन भाजपा प्रत्याशी सीपी सिंह से 5 हजार नौ सौ चार वोट के अंतर से हार गई.
वहीं मतों के अंतर को लेकर झामुमो एक बार फिर रांची सीट पर अपना दावा ठोक रही है. हालांकि कांग्रेस के कई नेता इस प्रयास में लगे हुए हैं कि गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस को मिल जाए.
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि बहुत जल्द सीट शेयरिंग पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहयोगी दलों के साथ बैठक करेंगे. आगे कहा कि जाहिर है झामुमो बड़े भाई की भूमिका निभायेगा. पर सहयोगियों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. पूरा इंडिया गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेगा. किस सीट पर कौन जीत सकता है यह विशेष रूप से देखा जाएगा. केवल सीट देने की बात नहीं है. बल्कि जीत सुनिश्चित करने की बात है.
बहरहाल, विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही राजनीतिक दल प्रत्याशियों की घोषणा करनी शुरू कर देंगे, हालांकि इससे पहले भी क्षेत्रिय दल जेएलकेएम ने छह सीटों पर उम्मीदवार उतार दिया है.