झारखंड की राजनीति में बरहेट सबसे हॉट सीट की गिनती में आता है क्यों इस सीट से खुद सूबे के मुखिया सीएम हेमंत सोरेन विधायक हैं. इस सीट पर लंबे समय से झारखंड मुक्ति मोर्चा का दबदबा है. और संभावना जताई जा रही है कि हेमंत सोरेन एक बार फिर इस सीट से ही चुनावी मैदान में होंगे.
भाजपा के लिए बरहेट लंबे समय से चुनौतीपूर्ण सीट रहा है. 2005 से अब तक यहां भाजपा झामुमो का किला नहीं गिरा पाई है. इस बार भाजपा प्रत्याशी का सामना खुद सीएम से हो सकता है. हालांकि यहां भाजपा केंद्रीय नेतृत्व अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है. बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसी क्षेत्र के भोगनाडीह से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की थी. बीजेपी लगातार घुसपैठ और डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा उठा रही है.
भाजपा से बरहेट सीट पर बीजेपी में जिन नामों की चर्चा है उनमें सिमन मालतो का नाम सबसे आगे चल रहा है. पिछले चुनाव में भी भाजपा से सिमन मालतो ही हेमंत सोरेन के सामने उम्मीदवार थे. सिमोन आदिम जनजाति से आते हैं और आदिम जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.
वहीं, दूसरी तरफ रेणुका सोरेन के नाम की भी चर्चा की जी रही है. रेणुका पहले साहिबगंज जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं.एक नाम गमियाल हेमब्रम का भी है जो पिछली विधानसभा चुनाव में आजसू से चुनाव लड़ चुके हैं. फिलहाल भाजपा में सक्रिय हैं. इसके अलावा इस बात की भी चर्चा है कि लोबिन हेंब्रम अपने बेटे के लिए भी टिकट की मांग कर रहे हैं.
हालांकि भाजपा ने अब तक किसी सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है. बरहेट में भी किसे टिकट मिलेगा ये तो लिस्ट जारी होने के बाद ही पता चलेगा.
साहिबगंज जिले में बरहेट और पतना प्रखंड आता है, तो वहीं गोड्डा जिले में सुन्दरपहाड़ी और बोआरीजोर प्रखंड के 6 पंचायत आते हैं. रिपोर्ट्स की माने तो बरहेट विधानसभा सीट में आदिवासी और मुस्लिमों की अच्छी खासी आबादी है. माना जाता है कि इस क्षेत्र में करीब 71 प्रतिशत संथाल और पहाड़िया आदिवासी और 10 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं. झामुमो की दोनों समुदायों में झामुमो अच्छी पकड़ है. यही वजह है कि बरहेट सीट झामुमो की सबसे सेफ सीटों में से एक है.
बरहेट विधानसभा के इतिहास पर एक नजर डाले तो ,चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार
2005 में यहां से झामुमो के थॉमस सोरेन जीते, उन्होंने भाजपा के सिमोन माल्तो को हराया था.
2009 के चुनाव में झामुमो से हेमलाल मुर्मू ने जीत हासिल की थी.
2014 के विधानसभा चुनाव में झामुमो से हेमंत सोरेन जीते. तब भाजपा से हेमलाल मुर्मू मैदान में थे.
2019 में हेमंत सोरेन दूसरी बार यहां से जीते.
अब 2024 में हेमंत सोरेन जीत की हैट्रिक लगाएंगे या भाजपा की रणनीति इस बार काम आएगी यो तो चुनावी नतीजों के बाद ही पता चलेगा.