कांग्रेस पार्टी दिल्ली और हरियाणा में AAP से गठबंधन तोड़ने की संभावना है। इसके अलावा, राहुल गांधी ने रायबरेली सीट अपने पास रखने का संकेत दिया है। यह संकेत शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग से मिले हैं।
कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप में केजरीवाल समेत बड़े नेताओं के जेल में होने और स्वाति मालीवाल से मारपीट की वजह से कांग्रेस पार्टी को गठबंधन से नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि पंजाब में हमने AAP के साथ गठबंधन नहीं किया, इसका हमें सीधा फायदा हुआ है।
CWC की मीटिंग 3 घंटे चली और राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने के लिए पार्टी सांसदों ने एक प्रस्ताव पारित किया। इस पर राहुल ने कहा, ‘मुझे सोचने का वक्त दीजिए।’ यह पद पिछले 10 साल से खाली है।
लोकसभा में पिछले 10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है। 2014 में कांग्रेस को 44 सीटें और 2019 में 52 सीटें मिली थीं। भाजपा के बाद सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस को मिली थीं। फिर भी कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी नहीं मिली थी।
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए किसी भी पार्टी के पास लोकसभा की कुल सीटों का 10 प्रतिशत सीटें होना चाहिए। यानी 543 सीटों में से कांग्रेस को इसके लिए 54 सांसदों की जरूरत होती है। कांग्रेस ने इस बार अपने दम पर 99 सीटें हासिल की हैं।
2014 में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी उस वक्त पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने से इनकार कर दिया था। पिछली लोकसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन तब भी 54 सीटें नहीं हुईं। अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस के नेता बनाए गए, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तब भी कोई नहीं हो सका।
कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी मीटिंग में सोनिया गांधी को चेयरमैन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) के अध्यक्ष पद के लिए सोनिया गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा है।
CWC की बैठक के बाद कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा, ‘सभी सदस्यों ने मांग की है कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता बनें।’ उन्हें रायबरेली या वायनाड में से कौन सी सीट छोड़नी चाहिए इस पर रमेशन ने कहा, यह पूरी तरह से राहुल गांधी को तय करना होगा।
झारखंड कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा, ‘राहुल गांधी को एलओपी बनाया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने 11,000 किमी की यात्रा की है और जनता की समस्याएं सुनी हैं। ‘न्याय पत्र’ के माध्यम से 25 गारंटी दी गई हैं। हमें उम्मीद है कि राहुल हमारा अनुरोध स्वीकार करेंगे।’