झारखंड में चार सीटों के लिए लोकसभा चुनाव शनिवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. हालांकि इस दौरान चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के तीन मामले दर्ज किए गए. झारखंड की चार लोकसभा सीटों पर कुल 62.74 प्रतिशत मतदान हुआ. इन चार सीटों में जमशेदपुर, गिरिडिह, रांची और धनबाद शामिल थे.
जमशेदपुर में एक पोलिंग स्टाफ की मौत
मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने बताया कि राज्य में मतदान शांतिपूर्ण रहा. उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान एक अप्रिय घटना भी घटी. जमशेदपुर में एक पोलिंग स्टाफ की मौत हो गई. उसकी पहचान जान मांझी के रूप में हुई है. वह जमशेदपुर के घोड़ाबंधा में चुनाव कार्य में लगे थे। ड्यूटी के दौरान वह बेचैनी महसूस करने लगे। उसे तुरंत टाटा हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
शाम 5 बजे तक राज्य में कुल 61.41 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें धनबाद में 58.90 प्रतिशत, गिरिडीह में 64.75 प्रतिशत, जमशेदपुर में 64.30 प्रतिशत और रांची में सबसे कम 58.73 प्रतिशत वोटिंग हुई.
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नेहा अरोड़ा ने जानकारी देते हुए कहा कि मतदान के दौरान अब तक 14 बैलेट यूनिट, 8 कंट्रोल यूनिट और 43 वीवीपैट बदले गए हैं. उन्होंने बताया कि धनबाद में 6 बैलेट यूनिट, चार कंट्रोल यूनिट और 8 वीवीपैट तकनीकी खामियों की वजह से बदला गया है. वहीं, गिरिडीह में मतदान के दौरान सिर्फ 14 वीवीपैट बदले गए हैं. जमशेदपुर में चार बैलेट यूनिट, 2 कंट्रोल यूनिट और 14 वीवीपैट. वहीं, रांची में चार बैलेट यूनिट, दो कंट्रोल यूनिट और सात वीवीपैट बदले गए हैं. मतदान के दौरान कहीं से भी झड़प की खबर नहीं आयी. हाँ लेकिन कुछ जगहों पर वोट का बहिष्कार ज़रूर हुआ .
धनबाद के तीन बूथ पर लोगों ने किया वोट का बहिष्कार, DC को भी करना पड़ा हस्तक्षेप
धनबाद जिले के सिंदरी बस्ती के बूथ संख्या 398, 399 और 400 के मतदाताओं ने शनिवार को वोट बहिष्कार कर दिया. इस कारण इन तीन बूथों पर करीब एक से डेढ़ घंटे तक मतदान नहीं हो सका. मामले की सूचना मिलते ही बलियापुर के बीडीओ, सीओ और सिंदरी एसडीपीओ और विधि व्यवस्था डीएसपी फौरन मौके पर पहुंच गए. पदाधिकारियों को लोगों को समझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. आखिरकार प्रशासनिक पदाधिकारियों के समझाने के बाद लोग राजी हुए और इसके बाद वोटिंग की प्रकिया शुरू हो सकी.
वहीं इस संबंध में धनबाद डीसी माधवी मिश्रा ने कहा कि आज बस्ती के लोग वोट डालने नहीं जा रहे थे. उन्होंने वोट बहिष्कार किया था. जानकारी मिलने पर पदाधिकारियों की टीम भेजी गई थी. पदाधिकारियों ने बस्ती के लोगों को समझाकर वोट डालने के लिए राजी किया है.
वहीं वोट बहिष्कार करने वालों का कहना है कि हमलोग बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं. इसके लिए हमने वोट बहिष्कार किया था. प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया गया है. इसके बाद हमलोग वोट देने के लिए राजी हुए हैं. सूरज ने कहा कि अगले छह महीने बाद विधानसभा चुनाव भी है. ऐसे में हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो हम फिर से आंदोलन को विवश होंगे.