Loksabha Election: कांग्रेस ने रांची लोकसभा क्षेत्र के लिए नवयुवकों को महत्वपूर्ण भूमिका देने का निर्णय लिया है. पार्टी ने सुबोधकांत सहाय की बेटी, यशस्विनी सहाय को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. इसके अतिरिक्त, गोड्डा में घोषित प्रत्याशी दीपिका पांडेय सिंह की जगह प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया गया है. इन उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करने से पहले, पार्टी ने कई बैठकों का आयोजन किया.
रांची से सुबोधकांत सहाय की बेटी को बनाया गया उम्मीदवार
रांची से सुबोधकांत के साथ, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बनना गुप्ता का भी नाम चर्चा में था, परंतु सुबोधकांत की बेटी यशस्विनी सहाय के साथ कांग्रेस पार्टी ने भरोसा जताते हुए पार्टी ने इस संदेश को जाहिर किया कि वह इस चुनाव में नए लोगों को भी मौका देना चाहती है। इस एलान के साथ-साथ, पार्टी ने राज्य में अपने हिस्से की सभी सात सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है.
जब टिकट मिला, यशस्विनी सहाय ने खुशी से कहा कि वह इस अवसर को बहुत ही संजीवनी मान रही है. उन्हें राजनीति में कदम रखने का उत्साह है और वह अपने कदम को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से सजग हैं. साथ ही, उन्हें समाज सेवा करने की भी ख्वाहिश है, जिसमें उन्होंने अपने पिता से बहुत कुछ सीखा है, जिन्हें काम करते हुए देखा हैं. उन्होंने बाल अधिकार के संरक्षण के क्षेत्र में वकील के रूप में भी काम किया है.
दीपिका की जगह प्रदीप यादव को बनाया गया उम्मीदवार
वहीँ दूसरी तरफ गोड्डा सीट पर कांग्रेस ने बड़ा बदलाव किया है. पहले भाजपा के निशिकांत दुबे के खिलाफ महगामा की विधायक दीपिका पांडेय को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन अचानक से दीपिका पांडेय को रिप्लेस कर के प्रदीप यादव को गोड्डा से उम्मीदवार बना दिया है.
मुझ पर भरोसा जताने के लिए मैं शीर्ष नेताओं का आभार व्यक्त करता हूँ. मुझे भरोसा है हम साथ मिलकर चलेंगे, नाराजगी कोई मुद्दा नहीं है. मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि जनता चाहती है कि हमारी समस्या को रखने वाला कोई और हो. नेता तभी रहेगा जब जनता से उसका संपर्क रहेगा. गोड्डा में काफी मुद्दे हैं. मेरे लिए सिर्फ जनता की सेवा ही मुद्दा भी है.
गोड्डा में दीपिका पांडेय को बदलने की वजह
दीपिका पांडेय सिंह के गोड्डा लोकसभा क्षेत्र और विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में विरोध हो रहा था और गोड्डा से यादव या अंसारी को टिकट देने की मांग के बाद, कांग्रेस नेतृत्व ने नए उम्मीदवार के रूप में प्रदीप यादव का चयन किया. आलाकमान ने अंततः प्रदीप यादव पर विश्वास जताया.