CM पति के गिरफ्तार होते ही पत्नियों ने संभाला मोर्चा, न्याय उलगुलान रैली में INDIA ने किया शक्ति प्रदर्शन

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने उनकी पत्नियों को राजनितिक मंचों पर ला कर खड़ा कर दिया है, जो आमतौर पर राजनीति से दूर थी. बेशक, लोकसभा चुनाव के दौरान अपने जीवनसाथी की अनुपस्थिति में सुनीता केजरीवाल और कल्पना सोरेन इंडिया अलायंस (INDIA) का महत्वपूर्ण चेहरा बन गई हैं, जिससे कहीं न कहीं ये भी साफ हो गया है कि अब वह बड़ी राजनीतिक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं.

रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित इंडिया अलायंस की न्याय उलगुलान रैली में शामिल हुए केंद्रीय विपक्षी दल ने बीजेपी पर निर्देशक आधारित राज्यों को परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया. इस रैली में अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन के नाम के टैग के साथ कुर्सियां खाली छोड़ी गई थीं, जहां उनकी पत्नियां ही बैठी थीं.

विपक्ष ने अपनी शक्ति और एकता का प्रदर्शन किया

चुनावी माहौल में, झामुमो ने उलगुलान न्याय महारैली का आयोजन किया, जहां विपक्ष ने अपनी शक्ति और एकता का प्रदर्शन किया. इस महारैली में मल्लिकार्जुन खरगे, तेजस्वी यादव, भगवंत मान, और अखिलेश यादव जैसे 28 राजनीतिक दलों के नेता उपस्थित थे.

चुनाव से पहले ही क्यों गिरफ्तार किया गया केजरीवाल- हेमंत सोरेन को : कल्पना सोरेन का प्रश्न

कल्पना सोरेन ने भाजपा पर उन राज्यों में सरकारें गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया जहां विपक्षी दल सत्ता में हैं, उन्होंने दावा किया कि चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई. इस रैली में उन्होंने अपने पति का संदेश भी पढ़ा- विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन बीजेपी और ऐसी ताकतों को बाहर कर दिया जाएगा.

जेल के दरवाजे टूटेंगे और अरविंद केजरीवाल व हेमंत सोरेन बाहर आएंगे.

रैली में सुनीता केजरीवाल ने आरोप लगाया कि वे मेरे पति (अरविंद केजरीवाल)को मारना चाहते हैं. उनका खाना कैमरे की निगरानी में है. उन्हें इंसुलिन देने से इंकार कर दिया गया है. मेरे पति शुगर के मरीज हैं, जो पिछले 12 साल से इंसुलिन ले रहे हैं. उन्हें रोजाना 50 युनिट इंसुलिन की जरूरत होती है. उन्होंने दावा किया उनके पति के खिलाफ कोई भी आरोप साबित नहीं किया जा सका. वे तानाशाही के खिलाफ लड़ाई जरूर जीतेंगे. जेल के दरवाजे टूटेंगे और अरविंद केजरीवाल व हेमंत सोरेन बाहर आएंगे.

क्यों गिरफ़्तारी हुई थी

अरविंद केजरीवाल को पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने इसके बावजूद कहा था कि वे मुख्यमंत्री के पद पर रहेंगे और कोई भी कानून उन्हें सरकार चलाने से नहीं रोक सकता. जनवरी में कथित ज़मीन घोटाले मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था, इसके पहले हेमंत सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. फरवरी में, झामुमो नेता चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, हालांकि अटकलें थीं कि कल्पना सोरेन उनकी जगह ले सकती हैं.

 

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