Ranchi : 11 दिसंबर को महिलाओं के खाते में मंईंया सम्मान योजना की राशी के तौर पर 2500 रूपए आने वाले है. लेकिन उससे पहले यह योजना सवालों के घेरे में आ गई है.भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे लेकर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए हेमंत सरकार पर हमला बोला है.
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बाबूलाल मरांडी ने लिखा कि हजारीबाग जिले सहित पूरे झारखंड में महिलाएं ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत मिलने वाली राशि के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. 18 से 50 वर्ष की उम्र की विधवा, आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय महिलाएं, जो इस योजना के अंतर्गत आती हैं, उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा. कई महिलाओं ने चार से पांच बार आवेदन किया, लेकिन फिर भी उनके खातों में सम्मान राशि जमा नहीं हुई.
आगे लिखा योजना के तहत प्रतिमाह 2500 रुपये देने का प्रावधान है, लेकिन अधिकांश महिलाओं को राशि मिलना तो दूर, आवेदन स्वीकृति की स्थिति तक स्पष्ट नहीं है, इससे झारखंड की सभी माताएं बहनें परेशान हो रही हैं. कई मामलों में, फार्म भरने और आवश्यक दस्तावेज देने के बावजूद, योजना का लाभ नहीं मिला.
रामगढ़ में 30 हजार महिलाओं के खाते में नहीं आई राशी
बाबूलाल मरांडी ने आगे रामगढ़ जिले का भी जिक्र करते हुए लिखा कि यहा भी स्थिति खराब है, जहां करीब 30 हजार महिलाओं को इस योजना की राशि अब तक नहीं मिली. प्रशासन की लापरवाही और प्रक्रियागत बाधाओं के कारण महिलाएं बार-बार कार्यालयों के चक्कर काट रही हैं.
प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण माताएं बहनें दिनभर लाइनों में खड़ी रहती हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें केवल और केवल निराशा मिलती है. भले ही योजना का उद्देश्य जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना था, लेकिन सरकार की लापरवाही और देरी के कारण महिलाओं को मुश्किलों एवं सही क्रियान्वयन न होने से आर्थिक रूप से परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि बाबूलाल मरांडी ने हिंदी दैनिक अखबार हिन्दुस्तान में छपी एक रिपोट्स का हवाला दिया है, जिसमें जांच के पड़ताल में बताया गया है कि मंईंया सम्मान राशि का लाभ पाने के लिए महिलाएं अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रही है. रिपोट्स में यह भी दावा किया गया है कि हजारीबाग जिले में महिलाओं ने चार-चार बार आवेदन किया लेकिन अब तक महिलाएं मंईंया सम्मान योजना से वंचित है.