TFP/DESK : एक 23 साल का लड़का जिसकी महीने के तनख्वा महज 13 हजार है वह अचानक एक दिन लग्जरी कार में सफर करने लगता है. उसका एक दोस्त 35 लाख की एसयूवी खरीद लेता हैं. लड़का अपनी ग्रर्लफेंड को 4बीएचके फ्लैट भी दिला देता है. ये सब सुनकर कहीं आपके दिमाग में दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की वाला मुहावरा तो नहीं चल रहा है ना.
शख्स पर फिट बैठ रहे इस मुहावरे में एक ट्विस्ट है. 13000 रुपए प्रतिमाह की सैलरी वाले एक अदने से कर्मचारी की ये शाही जिंदगी का पूरा सच जानकर आपके पांव तले जमीन खिसक जाएगी. आपके जहन में कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर शख्स ने ऐसा क्या किया.
क्या इस फोर्थ ग्रेड कर्मचारी को कोई गड़ा खजाना मिल गया? कहीं इस आदमी की लॉटरी तो नहीं लग गई? क्या ये आदमी प्रश्न देकर लाखों जीतने वाले किसी टीवी शो का विनर है? क्या इस व्यक्ति के साथ कोई चमत्कार हुआ है?
थोड़ा धैर्य रखिए! हम आपको विस्तार में बताते हैं कि पूरा माजरा दरअसल है क्या?
सरकार के खजाने को 23 साल के लड़के ने लूट लिया
ये सब कुछ हुआ है महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में. शख्स का नाम हर्ष कुमार क्षीरसागर है. कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाला कर्मचारी. जिसकी महीने की तनख्वा थी महज 13 हजार. इस व्यक्ति ने सरकार को पूरे 21 करोड़ 59 लाख 38 हजार रुपए का चुनाव लगाया है.
खेल परिसर में हर्ष कम्यूटर ऑपरेटर है
अब सवाल है कि 23 साल के लड़के ने ये सब कुछ किया कैसे. मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी हर्ष खेल परिसर में कम्पयूटर ऑपरेटर है. इसी साल 1 जुलाई से 7 दिसंबर के बीच विभाग के 21 करोड़ 59 लाख 38 हजार रुपए इंटरनेट बैंकिंग के जरिए 13 खातों में ट्रांसफर किए. इस घोटाले में उसके कर्मचारी साथी यशोदा शेट्टी और उसका पति बीके जीवन ने भी उसका साथ दिया.
घोटाले को ऐसे दिया अंजाम
आरोपी हर्ष ने सबसे पहले इस घटना को अंजाम देने के लिए खेल परिसर के पुरान लेटरहेड का इस्तेमाल करके बैंक को ईमेल किया. इसमें उनसे खेल परिसर के अकाउंट से जुडे ईमेल एड्रेस को बदलने का अनुरोध किया. इसके बाद पुराने ईमेल एड्रेस से मिलता जुलता एक नया ईमेल बनाया जिसमें केवल एक वर्ड बदल दिया था.
हर्ष ने ईमेल की मदद से बैंक अकाउंट में इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा शुरू कराई. जिसके बाद अकाउंट से ट्रांजैक्शन करने के लिए जरूरी ओटीपी और अन्य जानकारी इसी ईमेल पर आने लगे. फिर हर्ष ने पूरे घोटाले को बड़े सफाई के साथ अंजाम दिया.
खरीदी लग्जरी कार, हीरे का चश्मा किया था ऑर्डर
इन पैसों से आरोपी ने एक बीएमडब्ल्यू कार, एक बीएमडब्ल्यू बाइक खरीदी, जबकि अपनी गर्लफ्रेंड के लिए एयरपोर्ट के सामने एक अपार्टमेंट में 4 बीएचके फ्लैट खरीदा. इतना ही नहीं, शख्स ने शहर के एक नामी जौहरी को हीरे का चश्मा बनाने का ऑर्डर भी दे दिया था.
बता दें कि खेल परिसर के लिए महाराष्ट्र सरकार से मिलने वाली राशि को जमा करने कि लिए खेल परिसर के नाम से इंडियन बैंक में खाता खोला गया था. इस खाते में लेनदेने डिप्डी स्पोर्ट्स डायरेक्टर द्वारा साइन किए गए चेक के जरिए किया जाता है.
लेकिन आरोपी हर्ष कुमार क्षीरसागर, यशोदा शेट्टी और उनके पति बीके जीवन, जो विभागीय परिसर के संविदा कर्मचारी है. हर्ष ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके बैंक को दिए और इंटरनेट बैंकिंग के लिए अपना नंबर एक्टिव करने के बाद रकम को अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया.
6 महीने बाद विभाग को मिली जानकारी
दिलचस्प बात यह है कि इस पर विभागीय उपनिदेशक की नजर घटना के 6 महीने बाद पड़ी.वहीं घोटाले के मुख्य आरोपी हर्ष पुलिस की गिरफ्त से फरार है. जबकि यशोदा और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है.