झारखंड में एक बार फिर सरकारी और निजी अस्पतालों में सेवा दे रहें डॉक्टर हड़ताल पर जा सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार राज्य के 12 हजार डॉक्टर, 22 सितंबर से इलाज नहीं करेंगे. डॉक्टर इलाज नहीं करेंगे इसका निर्णय आईएमए की ओर से लिया गया है. वहीं, डॉक्टरों के हड़ताल के दौरान भी राज्य में इमरजेंसी सेवा शुरू रहेगी. पहले जानते हैं कि आखिर डॉक्टर हड़ताल पर क्यों जा रहे हैं?
डॉक्टरों के साथ मारपीट और मेडिकल प्रोटेक्शन बिल मुद्दा
दरअसल, मामला बीते 19 सिंतबर का है. इस दिन जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू वार्ड में कार्यरत पीजी मेडिकल के छात्र डॉ कमलेश उरांव के साथ मारपीट हुई थी. इसके अलावा मेडिकल प्रोटेक्शन बिल पर सरकार के रवैये को देखते हुए डॉक्टर्स ने हड़ताल का निर्णय लिया है.
अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं
बता दें कि 19 सितंबर को जमशेदपुर में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट में अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि बार-बार इलाज में कोताही के नाम पर डॉक्टरों के साथ मारपीट की जाती है. अब ये बर्दाशत से बाहर है. झारखंड प्रदेश आईएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि अगर आरोपियों की गिरफ्तारी गुरुवार तक नहीं होती है तो डॉक्टर्स हड़ताल पर चले जाएंगे. हड़ताल निर्णय झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा), जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के समर्थन से लिया गया है.
हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवा रहेगी चालू
22 सितंबर से अगर डॉक्टर्स हड़ताल पर जाते भी है तो राज्य के सभी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा शुरू रहेगी. वहीं, अगर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है कल से होने वाली हड़ताल अनिश्चितकालीन होगी.