क्या विधायक पद के इस्तीफे के बाद सरफराज अहमद जाएंगे राज्यसभा !

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नए साल की शुरू होते ही झारखंड का सियासी पारा बढ़ने लगा है. ये सियासी सरगर्मी तब तेज हुई जब गांडे विधानसभा से जेएमएम विधायक डॉ सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया. कुछ ही महीने बाद लोकसभा व राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. लोकसभा और विधानसभा के चुनावों से इतर दो राज्यसभा सांसद की कुर्सी खाली हो रही है. एक हैं चर्चित कांग्रेस सांसद धीरज साहू और दूसरे भाजपा सांसद समीर उराओं. दोनों का ही कार्यकाल मई महीने में पूरा हो रहा है. और अब ये चर्चाएं शुरू हो गई है कि राज्यसभा सांसद सीट का नया उम्मीदवार कौन होगा.

दोनों ही खेमों में अब अपने अपने उम्मीदवारों को फार्मूला सेट करने जुट गए हैं. इन चर्चाओं के बीच अब खबर सामने आ रही है कि कांग्रेस की सीट पर झामुमो अपनी दावेदारी पेश कर सकती है. पिछले दिनों गांडेय सीट से इस्तीफा देने वाले झामुमो के विधायक डॉ सरफराज अहमद या उनके बेटे को राज्यसभा भेजा जा सकता है. हालांकि इस पर आधिकारिक रूप से किसी तरह की पुष्टी नहीं की गई है.

इस प्रकरण में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पूर्व गांडेय विधायक सरफराज के इस्तीफे पर राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, गांडेय विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे का सौदा 200 करोड़ रुपए और राज्यसभा सीट के बदले में हुआ है.

उल्लेखनीय है कि 29 दिसंबर 2019 में झारखंड में कांग्रेस-राजद महागठबंधन की सरकार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी। इसके बाद से राज्यसभा के दो चुनाव हुए और दोनों बार सीट झामुमो के खाते में ही आई। वहीं मार्च 2020 में झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और दूसरी बार 2022 में महुआ माजी को राज्यसभा भेजा गया.

बता दें कि इस बार झारखंड से कांग्रेस कोटे की सीट खाली हो रही है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि कांग्रेस का स्वभाविक दावा तो बनता है, लेकिन गठबंधन धर्म में सर्वसम्मति से फैसला किया जाएगा. आपको बता दें कि झारखंड विधानसभा में झामुमो के पास अब 29 सीटें हैं. राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए प्रत्याशी को 28 वोटों की जरूरत पड़ेगी. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने इस मसले पर कहा कि पार्टी के केंद्रीय स्तर पर ही फैसला लिया जाएगा.

 

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