सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के एक आदेश को दी चुनौती की याचिका पर सुनवाई की. जिसे एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत के केस से जोड़ कर देखा जा रहा है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए किसी को दोषी ठहराने के लिए केवल उत्पीड़न पर्याप्त नहीं है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में दोषसिद्धि के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उकसाने का सबूत होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश को दी गई चुनौती पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें एक व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों को राहत देने से इनकार कर दिया गया था. उस व्यक्ति और उसके परिवार पर अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था.
अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया के लिए राहत बताई जा रही है. अतुल सुभाष ने 81 मिनट के वीडियो और 24 पन्नों के नोट में अपनी अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार के सदस्यों पर उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाया है. अतुल के परिवार की शिकायत के आधार पर बेंगलुरु पुलिस ने निकिता और तीन अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है.