बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार का ये बयान क्यों हो रही है वायरल !

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बीते कल बिहार के विधानसभा और विधान परिषद में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा सेक्स को लेकर भरी सदन में बेहद ही अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया. विधानसभा में बैठी महिला विधायक भी शर्म से पानी पानी हो गईं. और नीतीश कुमार का वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया न केवल बिहार बल्कि नीतीश कुमार की बातों को दुनिया के कोने कोने में अब तक सुना जा चुका है.

दरअसल बीते 6 नवंबर को बिहार विधानसभा में शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई. इस सदन के दूसरे दिन यानी कल 7 नवंबर को बिहार सरकार ने जातिगत गणना में आर्थिक समाजिक सर्वे की रिपोर्ट मंगलवार को बिहार विधानसभा की. सभी दलों ने इस पर बात रखी जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में अपनी बात रख रहे थे. इस बीच महिलाओं की शिक्षा और प्रजनन का भी मुद्दा आया.इसी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “पहले प्रजनन दर 4.9 प्रतिशत था. लड़की जब पढ़ लेती है तो प्रजनन दर घटेगी. अब ये घटते घटते 2.9 प्रतिशत हो गया है जिसे हम और घटाकर 2 प्रतिशत करना चाहते है. लड़कियों की पढ़ाई का फ़ायदा हो रहा है.” इसी बयान के दौरान मुख्यमंत्री ने शादीशुदा स्त्री पुरुष के यौन संबंधों को लेकर टिप्पणी की.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भरी विधानसभा में सेक्स के दौरान की जानी वाली पुल आउट विधि का जिक्र किया. पुल आउट विधि एक गर्म निरोधक विधि है जिससे शुक्राणु वेजाइना में प्रवेश नहीं कर पाता है और अनचाहा गर्म धारण नहीं होता है.

लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने इस विधि को समझाते हुए बेहद ही फूहड़ और देहाती बोलचाल वाली भाषा का प्रयोग किया. नीतीश कुमार की भाषा इतनी अभद्र थी कि जिसने भी सुना उसके नीतीश कुमार का विरोध किया. हालांकि स्वतंत्र भारत के 76 सालों के इतिहास में आज तक किसी नेता मंत्री ने सदन के भीतर क्या सदन के बाहर भी इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं किया है.

लेकिन जब नीतीश ये बातें सदन की पटल पर रख रहे थे तब वहां मौजूद तमाम पुरुष विधायक भी बेशर्मी से हस रहे थे. इतना ही नहीं नीतीश कुमार की इन बातों का बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपना समर्थन भी दिया है. तेजस्वी ने कहा कि अगर उनके बयान का कोई गलत मतलब निकाल रहा है तो ये बहुत गलत बात है और उन्होंने सिर्फ सेक्स एजुकेशन की बात की है जिसकी पढ़ाई अब स्कूलों में भी कराई जाती है. अब तो स्कूलों में पढ़ाई होती है, साइंस, बायोलॉजी, ये स्कूलों में पढ़ाई होती है, बच्चे पढ़ते हैं, हमको लगता है कि अगर सेक्स एजुकेशन की बात आई, उनका कहने का मतलब आबादी कंट्रोल करने के लिए क्या करना है, वो प्रेक्टिकली बात जो भी आती है, उन्होंने अपनी बात की. इससे लोगों को गलत तरीके में नहीं लेना चाहिए लेकिन इसे सेक्स एजुकेशन के रूप में ज्यादा लिया जाना चाहिए.’

वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा, “जो प्रजनन दर घटी है उसकी वजह शिक्षा ही है बेटियों की. मुख्यमंत्री जी उसी एचीवमेंट की बात कर रहे थे. बाक़ी बातें बेमानी है. हमें अपनी उपलब्धियों पर फोकस करना चाहिए.”
अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है. विपक्षी पार्टी भाजपा नीतीश कुमार पर उनके अभद्र बयान को लेकर निशाना साध रही है.

बिहार महिला समाज की कार्यकारी अध्यक्ष निवेदिता झा कहती हैं, “ये बहुत ही अभद्र टिप्पणी है. जनसंख्या का मुद्दा बहुत ही गंभीर मुद्दा है लेकिन मुख्यमंत्री की ये टिप्पणी और उनकी बॉडी लैंग्वेज इसे अश्लील बना रही है. सदन में भी जिस तरह से ठहाके लगे, वो दिखाता है कि पितृसत्ता सदन के भीतर भी कितनी मजबूत है. हमारी मांग है कि उनके इस बयान को कार्रवाई से हटाया जाए, मुख्यमंत्री महिलाओं से माफ़ी मांगे और जो महिलाएं सदन में मौजूद हैं, वो इसका खुलकर विरोध करें.”

बिहार बीजेपी ने अपने आधिकारिक X हैंडल से पोस्ट किया, ”भारत की राजनीति में नीतीश बाबू जैसा अश्लील नेता देखा नहीं होगा. नीतीश बाबू के दिमाग में एडल्ट “B” Grade फिल्मों का कीड़ा घुस गया है. सार्वजनिक रूप से इनके द्विअर्थी संवादों पर पाबंदी लगानी चाहिए. लगता है संगत का रंगत चढ़ गया है!”

हालांकि सोशल मीडिया पर बयान वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांफी मांगी. उन्होंने अपने बयान के लिए विधानसभा में भी माफी मांगी। नीतीश कुमार ने कहा कि “मैं अपने शब्द वापस लेता हूं, हमने यूं ही ये बातें कह दी थीं.. मेरे बयान का गलत मतलब निकला है. मैंने तो महिलाओं की शिक्षा की बात की थी. अगर मेरे बयान से कोई आहत हुआ है तो माफ़ी मांगता हूं. मैं अपनी निंदा करता हूं. मैं खुद पर शर्म कर रहा हूं.”

बिहार में पूरे देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा साक्षरता दर सबसे कम है. रिपोर्ट्स की माने तो बिहार में 63.82% की साक्षरता दर है. जिसमें 39.80 प्रतिशत लड़कियां हैं और 60.20 प्रतिशत लड़के हैं . बिहार 94,163 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है जिसमें लगभग 13 करोड़ 8 लाख की आबादी निवास करती है. जनसंख्या की दृष्टि से भारत में बिहार तीसरा सबसे बड़ा राज्य है. बिहार में जनसंख्या विस्फोट बेहद गंभीर समस्या है नीतीश सरकार ने साल 2005 के बाद से ही बिहार की जनसंख्या नियंत्रण पर काम करना शुरू कर दिया था .

लेकिन रिपोर्ट्स बताती है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीएससी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. और 8 बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. जिसके बाद भी ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग करना क्या किसी सीएम के लिए शोभा देता है. एक जनप्रतिनिधि होकर भरी सभा में ऐसी ओछी भाषा का प्रयोग करना क्या शोभनीय है. बिहार लगातार अपने भोजपुरी गानों में प्रयोग होने वाले अश्लील भाषा की वजह से भी चर्चा का विषय बना रहते है,उस पर सीएम का इस तरह की भाषा का प्रयोग करना देश और दुनिया में बिहार की छवि धूमिल करता है.

हालांकि नीतीश कुमार के बयान के बाद देश भर में सेक्स एजुकेशन को लेकर बातें हो रही है. सेक्स एजुकेशन समाज के लिए बहुत जरुरी मुद्दा है जिसे हमेशा से इंगनोर किया जाता रहा है. इसके लिए न केवल स्कूल बल्कि माता –पिता समाज को भी पहल करनी चाहिए. हालांकि अब कुछ स्कूलों में बच्चों को गुड टच,बैड टच का ज्ञान दिया जा रहा है लेकिन इसे उपर की कक्षाओं में आगे नहीं बताया जाता, कई बार स्कूलों में उन चैप्टर्स को स्किप कर दिया जाता है जहां यौन शिक्षा की बात हो रही होती है. स्कूलों में बच्चों को शारीरिक शोषण, गर्भधारण, जबरन यौन संबंध बनाने और गर्भनिरोधक तरीकों की शिक्षा देनी की पहल की जानी चाहिए. ताकि आगे से देश में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हुए लोग एक बार तो सोचेंगे जरुर.

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