झारखंड में क्यों खाली पड़ा है 1 मंत्री का पद ?

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झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल का चौथा साल पूरा हो चुका है. लेकिन अब भी झारखंड मंत्रीमंडल में एक मंत्री पद खाली पड़ा है और अब तक हेमंत सरकार के तरफ से इसे भरने की पहल नहीं की गई है. चुनावों के नजदीक आने से अब इस बात की भी चर्चा तेज हो गई है.इसे लेकर झारखंड बीजेपी के नेता सीएम हेमंत पर तंज भी कस रहे हैं. झारखंड में विधानसभा के 81 सीट हैं और संवैधानिक प्रावधान के अनुसार 81 विधानसभा सीट वाले झारखंड में मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं.

संविधान संशोधन के बाद कुल विधायकों का 15 फीसदी ही मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. ऐसे में 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री मिलाकर अधिकतम 12 मंत्री ही हो सकते हैं. लेकिन 2019 के दिसंबर में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बननेके बाद से मंत्री का एक पद लगातार खाली है.लेकिन झारखंड में 12वें मंत्री का पद खाली ही रह जाता है. न सिर्फ हेमंत सोरेन सरकार में बल्कि पूर्व की रघुवर दास की सरकार में भी 12वें मंत्री का पद खाली रह गया था. लेकिन उस समय हेमंत सोरेन ने 12वें मंत्री पद खाली रहने का विरोध भी किया है.
बता दें कि मौजूदा झारखंड सरकार में जेएमएम से 6, कांग्रेस से चार और राजद से एक मंत्री हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा झामुमो से हफीजुल हसन, चंपई सोरेन, जोबा मांझी, मिथिलेश ठाकुर और बेबी देवी, कांग्रेस से डॉ. रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख और राजद से सत्यानंद भोक्ता मंत्री हैं. जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 18 विभाग अपने पास रखे हैं. लेकिन कैबिनेट में 12वां मंत्री शामिल नहीं किया है.

बता दें कि किसी भी पार्टी से मंत्री चुनने के लिए विधायकों का एक अनुपात सेट किया गया है. सत्ता दल में शामिल किसी भी पार्टी के 4 विधायक में 1 को मंत्रीपद दिया जाता है. लेकिन झारखंड में राजद का सिर्फ एक विधायक होते हुए भी उसे मंत्री को पद दिया गया है और झामुमो और कांग्रेस के कुछ विधायक जो 4 विधायक के फॉर्मूले पर सेट नहीं हो पाए थे उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि झारखंड में 12वें मंत्री पद काखाली रह जाना महागठबंधन में फूट होने से रोकना बताया जा रहा है. दरअसल, झारखंड में सत्ताधारी महागठबंधन में 12वां मंत्री कांग्रेस से होगा या झामुमो से, इस पर पेंच फंसा हुआ है.हालांकि झारखंड में कांग्रेस को अब यह उम्मीद है कि 12वां मंत्री प उनके खाते में ही आएगा.

ईटीवी बिहार झारखंड में छपी एख रिपोर्ट के अनुसार ,भाजपा ने 12वें मंत्री पद के खाली रहने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एकाधिकार के समर्थक मुख्यमंत्री जान बूझकर 12वां मंत्री बनाकर सत्ता का विकेंद्रीकरण नहीं करना चाहते हैं. इस विषय पर जेएमएम ने भी अपना पक्ष रखा है. झामुमो का कहना है कि 12वें मंत्री पद का खाली होना महागठबंधन सरकार चलाने की मजबूरी है, हालांकि उनका कहना है कि जनता का काम नहीं रुक रहा है, राज्य में जनकल्याणकारी सरकार चल रही है. तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

हालांकि कांग्रेस को उम्मीद है कि अभी भी समय है और 12वें मंत्री का पद भरा जाएगा. 12वें मंत्री पद पर कांग्रेस का दावा है उनका तर्क है कि चार विधायकों पर एक मंत्री पद सृजित होता है. राजद के पास 01 विधायक होने के बावजूद मुख्यमंत्री ने उनके विधायक को मंत्री बना दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री के पास सात मंत्री हैं, जिनमें झामुमो कोटे से छह और राजद कोटे से एक मंत्री शामिल हैं.

2019 के चुनाव में कांग्रेस के 16 में सेचार विधायक मंत्री बने. जेवीएम के तत्कालीन दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो गये. ऐसे में बाकी बचे विधायकों के दम पर कांग्रेस का 12वें मंत्री पद पर दावा है. हेमंत सरकार के कार्यकाल पूरा होने में अब एक साल से भी कम का समय बचा है. आगामी अक्टूबर नवंबर में झारखंड में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. अब देखना होगा हेमंत सरकार अपने बचे हुए कार्यकाल में मंत्री का 12वां पद भरती है या अब सभी 12 मंत्री के पदों को भरते हुए देखने के लिए झारखंड की जनता को अगले सरकार के कार्यकाल का इंतजार करना होगा.

BY- AVNTIKA RAJ CHOUDHARY

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