जब विधानसभा में अध्यक्ष ने गाया हाए राम कुड़ियों का है जमाना

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15 नवंबर, साल 2000 को झारखंड एक अलग पहचान के साथ भारतीय नक़्शे पर उभरा और 22 नवंबर साल 2000 में स्थापित हुआ था झारखण्ड विधानसभा.

झारखण्ड विधानसभा अपने भीतर कई दिलचस्प किस्से, कुछ खूबसूरत अफ़साने, कई हसी के ठहाकों से भरी नोक झोक समेटे आज 23 की हो गया है.

आज झारखंड विधानसभा का 23वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है और इस मौके पर हमने सोचा कि क्यों न आपको उन दिलचस्प किस्सों से मुखातिब कराया जाए.

किसी राज्य के सुचारु रुप से संचालन के लिए विधानसभा की जरुरत पड़ती है. विधानसभा के पटल पर ही राज्य भर की समस्याओं को रखा जाता है.

झारखण्ड गठन के बाद राज्य में पहली विधानसभा सत्र 21 नवंबर 2000 को बुलाई गई. विधानसभा अध्यक्ष की गद्दी पर बैठे इंदर सिंह नामधारी जो कि डाल्टनगंज विधानसभा सीट से विधायक थे.

आम तौर पर हमें विधानसभा की चहारदीवारी में आरोप प्रत्यारोप, हो-हल्ला सुनने को मिलता है लेकिन वह साल दूसरा था, वह दौर दूसरा था. तब झारखंड में सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच तकरार तो चलती थी लेकिन विधानसभा का माहौल थोड़ा लाइट भी रखा जाता था.

अध्यक्ष इंदरसिंह नामधारी सत्र के दौरान सभा में काफी व्यंग और हास्य विनोद किया करते थे. पहली बैठक के दौरान इन्दर सिंह नामधारी विधानसभा अध्यक्ष पद पर विराजमान हुए और उनके आसन ग्रहण के बाद माननीय सदस्यगण बारी-बारी से उनके प्रति उद्गार व्यक्त कर रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी द्वारा उद्‌गार व्यक्त किए जाने के बाद स्टीफन मरांडी की बारी आने पर सदन में मौजूद सदस्यों ने टोका-टोकी करते हुए कहा कि इधर श्री मराण्डी यानी बाबूलाल मराण्डी और उधर भी श्री मराण्डी यानी स्टीफन मराण्डी.

इस पर अध्यक्ष महोदय ने सलमान खान की हम आपके हैं कौन के गाने को गुनगुनाते हुये चुटकी ली और कहा- “हाय राम कुड़ियों का है जमाना” और आज यहाँ बता दें कि ” हाय राम मरांडियों का है जमाना।”

अध्यक्ष इन्दर सिंह ने कहा कि आज मुझे बहुत खुशी है कि इधर भी मरांडी हैं और उधर भी मरांडी हैं। यह इसी तरह है जिस तरह गाने में है – कुड़ियो का है जमाना, तो यहां मरांडियों का है जमाना। आज यह सदन मरांडीमय हो गया है।
वहीं इसी बीच फुरकान अंसारी भी बोल पड़े ,उन्होनें अध्यक्ष को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपने ठीक ही कहा है कि इस ओर भी मरांडी और उस ओर भी मरांडी हैं, इस बीच में हम फुरकान अंसारी हैं.

वहीं दूसरे प्रसंग की बात करें तो राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आसन से कांग्रेस पार्टी के सदस्य प्रदीप कुमार बालमुचू को पुकारा गया तो उन्होंने पार्टी की ओर से थियोडोर किड़ो को बोलने की अनुमति दे दी. लेकिन सभा के दर्शक दीर्घा में किड़ो की पत्नी भी मौजूद थीं
इसे देखते हुए परिहास किया कि माननीय सदस्य की पत्नी सामने बैठी हुई हैं। पत्नी के सामने भाषण देना मुश्किल होता है। प्रदीप बालमुचु ने कहा कि यह परीक्षा की घड़ी है। श्री किड़ो इसमे सफल हों, यही मेरी शुभकामना है। मैं तो अपनी पत्नी के सामने नही बोल पाता हूँ।

वहीं आगे की कार्यवाही में फुरकान अंसारी, ने अपने भाषण के क्रम में केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों में की गयी दामों में वृद्धि की चर्चा करते हुए कहा कि, रेल मंत्री ममता बनर्जी को खुश करने के लिए रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमत को 10 रूपये घटा दिया गया। अध्यक्ष महोदय ने मजाहिये लहजे में जबाव देते कहा कि मूल्य में कमी जनता की ममता के लिए किया गया है.

वैसे तो झारखंड विधानसभा 23 साल के ऐतिहासिक सफर में ऐसे रोचक प्रसंग भरे पड़े हैं. अगर हम सभी प्रसंगों की बात करने लगे तो समय कम पड़ जाएगा. द फोर्थ पीलर के लिए झारखंड विधानसभा बहुत महत्वपूर्ण है जैसा कि आप देखते हैं हमारे वीडियो के बैकग्राउंड में हमेशा झारखंड विधआनसभा जगमगाता रहता है.
यह न केवल हमारे लिए जरुरी होना चाहिए बल्कि झारखंड के प्रत्येक नागरिक को विधानसभा की महत्ता समझनी चाहिए. राज्य का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते आपको भी विधानसभा के कार्यवाहियों पर अपनी नजर रखनी चाहिए, आपको जानना चाहिए कि विधानसभा राज्य के लिए कैसे काम करता है. राज्य के विकास के लिए विधानसभा कितनी अहम भूमिका निभाता है.

उम्मीद करते हैं आपको हमारी ये जानकारी पसंद आई होगी, ऐसे ही रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहे हमारे साथ.

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