टाइगर जगरनाथ महतो: आम कार्यकर्ता से राज्य के शिक्षा मंत्री बनने तक का सफर

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झारखंड के शिक्षा मंत्री और जेएमएम के वरिष्ठ नेता जगरनाथ महतो का आज यानी 06 अप्रैल को निधन हो गया. उनके निधन पर ना सिर्फ उनके पार्टी के नेता बल्कि विपक्ष और आम जनता तक ने शोक व्यक्त किया है. इससे आप समझ सकते हैं कि वो किसी एक पार्टी के नेता नहीं थे बल्कि पूरे झारखंड के नेता थे. जगरनाथ महतो को लोग टाइगर के नाम से भी जानते थे. इसके अलावा सदन में “1932” पास कराने में उनका सबसे अहम योगदान रहा था. मंत्री रहते हुए भी उनकी जमीन से जुड़े रहने वाला व्यक्तिव के सभी दीवाने थे. उनके गांव में रहने वाले स्थानीय बताते हैं कि अगर उन्हें किसी भी समारोह में बुला लिया जाता था, वो हर मुमकिन कोशिश करते थे कि वहां पहुंचे. फिर चाहे वो कोई भी क्यों ना हो. इसके अलावा उनका झारखंड और झारखंडियों से खास लगाव था क्योंकि उनका जन्म भी झारखंड में ही हुआ था.

जगरनाथ महतो का जन्म

राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का जन्म अलारगो गांव में सन 1967 में हुआ था. ये गांव बोकारो जिला में पड़ता है. जगरनाथ महतो के पिता का नाम नारायण महतो था.

जगरनाथ महतो का परिवार और बच्चे

जगरनाथ महतो के मां और पिता का पहले ही निधन हो चुका है. जगरनाथ महतो की चार बेटी, एक बेटा और उनकी पत्नी है. जगरनाथ महतो का पूरा परिवार फिलहाल रांची में ही रहता है. लेकिन वो अपने गांव हमेशा जाते रहते थे. स्थानीय लोग बताते हैं कि जगरनाथ महतो महीने में 3-4 बार गांव आया करते थे और लोगों से मुलाकात किया करते थे. स्थानीय लोग उन्होंने जगरनाथ दा के नाम से बुलाते थे. “दा” का मतलब बड़ा भाई होता है.

शिक्षा  

जगरनाथ महतो ने पढ़ाई ज्यादा नहीं की थी. उन्होंने 1995 में अपनी दसवीं की पढ़ाई नेहरु हाई स्कूल तेलों, जिला बोकारो से की थी. लेकिन उनकी पढ़ने की लालशा कम नहीं हुई थी. यही वजह रही कि उन्होंने साल 2020 में तमाम तरह की बयानों के बावजूद शिक्षा मंत्री रहते 12वीं में दाखिला लिया. उन्होंने डुमरी के नवाडीह देवी महतो मेमोरियल इंटर कॉलेज में एडमिशन कराया था. उनका एडमिशन कक्षा 11वीं में हुआ था. साल 2022 में उन्हें 12वीं बोर्ड की परीक्षा देनी थी. लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण मंत्री परीक्षा में नहीं बैठ पाए थे. इस साल उन्हें 12वीं की परीक्षा देनी थी. लेकिन परीक्षा से पहले ही उनकी मौत हो गई. जगरनाथ महतो कई मौकों पर कहते भी थे कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती. 11वीं में दाखिला लेने पर मंत्री जगरनाथ महतो की चर्चा देश भर में हुई थी.

राजनीतिक जीवन

जगरनाथ महतो ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत समता पार्टी से होती है. राजनीति में जगरनाथ महतो “शेरे शिवा महतो” को अपना गुरू मानते थे. 1990 से उन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. शुरुआती दौर में जगरनाथ महतो ने डुमरी विधायक शिवा महतो के सहयोगी के रूप में काम किया. पहली बार जगरनाथ महतो ने साल 2000 में डुमरी विधानसभा से समता पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े और मामूली अंतर से हार गए. इसके बाद साल 2005 में जेएमएम की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद उसी विधानसभा से 2009 में भी जीत हासिल की. इसके बाद 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान जगरनाथ महतो को गिरिडीह लोकसभा से महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया गया और वो यह चुनाव हार गए. इसके बाद उन्हें साल 2014 में डुमरी से विधानसभा चुनाव लड़ाया गया और उन्होंने जीत हासिल की. उसके बाद 2019 में फिर से उन्हें विधानसभा में उतारा गया और जीत हासिल की, जिसके बाद उन्हें झारखंड का शिक्षा मंत्री बनाया गया.

 

 

 

 

 

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