झारखंड के इन डॉक्टरों पर गिरने वाली है गाज, लाइसेंस रद्द होने की भी है पूरी संभावना

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झारखंड में अब नवपदस्थापित डॉक्टरों पर गाज गिरने वाली है. डॉक्टरों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आयी है. राज्य के जिन डॉक्टरों ने अब तक अपनी ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है अब उनका लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द हो सकता है.

स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव जय किशोर प्रसाद ने इसे लेकर निर्देश जारी किया है.  अपर सचिव ने प्रभार ग्रहण नहीं करने वाले सभी चिकित्सकों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि पदस्थापन स्थल पर प्रभार ग्रहण नहीं करने के संबंध में सभी चिकित्सक अपना स्पष्टीकरण संबंधित जिला के सिविल सर्जन को उपलब्ध कराते हुए 15 अगस्त 2023 तक पदस्थापित स्थान पर प्रभार ग्रहण करना सुनिश्चित करेंगे.

रिपोर्ट्स के अनुसार  बोकारो में 5, पश्चिमी सिंहभूम में 4, गुमला व धनबाद में 3-3, पूवी सिंहभूम, रामगढ़, गिरडीह व जामताड़ा में 2-2, जबकि, रांची, चतरा, लोहरदगा, साहेबगंज, पाकुड़, सरायकेला व गढ़वा में 1-1 चिकित्सकों ने अब तक प्रभार ग्रहण नहीं किया है.

अब पूरे मामले पर एक नजर डालते हैं.

साल 2022 के फरवरी महिने में झारखंड लोक सेवा आयोग यानी (जेपीएससी) के माध्यम से चिकित्सा पदाधिकारियों के 232 पदों पर सीधी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से संसूचित रिक्तियों के आधार पर जेपीएससी ने वांछित शैक्षिक योग्यता के अनुरूप लिखित और मौखिक परीक्षा में सफल 180 चिकित्सकों का रिजल्ट दिसंबर 2022 में प्रकाशित किया था. इसमें से अंतिम रूप से 171 चिकित्सकों का पदस्थापन इसी साल के अप्रैल महिने  में किया गया था. राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए जाने के बाद इन डॉक्टरों को राज्य में एक साल सेवा देना अनिवार्य था. अब जिन डॉक्टरों ने राज्य के अस्पतालों में एक साल की सेवा नहीं दी है उन पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने की तैयारी में है.

बता दें 171 में से 142 चिकित्सकों ने ही अपने-अपने केंद्रों में योगदान दिया है. अब भी 29 चिकित्सकों ने अपना प्रभार ग्रहण नहीं किया है.

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने इससे संबंधित अनुशंसा भेज दी है. राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की अनुशंसा के अनुसार राज्य के अस्पतालों में योगदान नहीं देने वाले चिकित्सकों को सरकारी सेवा से सदा के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है और साथ ही उनका मेडिकल लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.

स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव जय किशोर प्रसाद ने पहले भी इसकी चेतावनी चयनित चिकित्सकों को दी है और अब एक बार और उन्हें चेताया जा रहा  है. इन 29 चिकित्सकों को तीन दिनों के अंदर यानी 15 अगस्त तक अपना पदभार ग्रहण कर लेना है. ये विभाग के ओर से उनके लिए अंतिम चेतावनी है. इसके बाद विभाग उन पर कार्रवाई करेगा.

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