रांची में ट्रैफिक पुलिस यातायात व्यवस्था सुधारने के बजाय केवल जुर्माना वसूलने में लगी है – बाबूलाल मरांडी

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TFP/DESK : क्या ट्रैफिक पुलिस का उद्देश्य यातायात नियत्रंण के बजाय जुमार्ना वसूली रह गया. क्या राजधानी रांची में ट्रैफिक पुलिस लोगों से जबरन वसूली कर रही है. क्या ट्रैफिक पुलिस आम जनता से वसूली करके उनका शौषण कर रही है. दरअसल, ये बयान है भाजपा प्रेदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के.

बाबूलाल मरांडी ने क्या किया है पोस्ट 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया है. उनके इस पोस्ट के बाद राज्य में सियासत भी तेज हो गई है. बाबूलाल ने अपने पोस्ट में लिखा कि राजधानी रांची की ट्रैफिक पुलिस यातायाता व्यवस्था सुधारने के बजाय केवल जुर्माना वसूलने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है.

https://x.com/yourBabulal/status/1870701725478502901

मामूली गलतियों पर भी भारी- भरकम जुर्माना लगाकर जनता का शोषण किया जा रहा है. आगे लिखा कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियत्रंण जैसे अहम मुद्दो को नजरअंदाज कर सिर्फ जुर्माने की वसूली को प्राथमिकता दी जा रही है. सड़क सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का पालन जरूरी है.

लेकिन जब तक सड़को की दशा नहीं सुधरेगी, ट्रैफिक सिग्नल सही नहीं होंगे और लोगों को जागरूक नहीं किया जाएगा. तब तक सिर्फ जुर्माना वसूलने से समस्या हल नहीं होगी.
बाबूलाल मरांडी ने आगे हेमंत सोरेन को टैग करते हुए लिखा कि इस मुद्दे पर बेहद संवेदनशीलता की जरूरत है. आमजनों पर लगाए गए भारी भरकम जुर्मे पर पुनर्विचार करें और रांची की सड़को पर मची लूट को रोककर सुचारू यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करें.

ये तो हो गई बाबूलाल मरांडी ने जबरन वसूली पर कुछ कहा है. अब बात करते है क्या सच में रांची की सड़को पर ट्रैफिक पुलिस जबरन वसूली कर रही है. दरअसल, आजाद सिपाही की रिपोर्ट् के मुताबिक राजधानी में ट्रैफिक चालान का आंतक बढ़ गया है.

रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि लोगो का चालान कैसे और कहां कट रहा है इसकी जानकारी वाहन चालकों को दी ही नहीं जा रही. उन्हें इसका पता तब चलता है जह उनके मोबाइल फोन पर मैसेज आता है.

रिपोट्स में यह बताया गया है कि ओरमांझी के रहने वाले अशोक भगत है. जो हर रोज अपने घर से सैनिक मार्केट स्थित अपने दफ्तर में बाइक से काम करने आते है. जिनके मोबाइल पर एक मैसेज आया हुआ था .

जिसमें लिखा हुआ था आपने पिछले एक महीने में आठ बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है और इसके एवज में आपको 17 हजार रुपए का जुमार्ना भरना है.
बता दें कि पिछले एक महीने में रांची में करीब सवा लाख का चालान कट चुका है और लोगों पर अब तक एक करोड़ो रुपए का भी जुमार्ना लग चुका है.

मतलब ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर आप अपने घर से चाहे थोड़ी दूरी के सफर में निकले या लंबे सफर के लिए. अगर आपने ट्रैफिक का एक भी नियम तोड़ा तो चंद घंटो में आपके घर ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन करने को लेकर चालान पहुंच जाएगा.

बहरहाल, अब इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है. विपक्षी दलों का कहना है कि राजधानी रांची के विशेष इलाकों में चलान काट जा रहा है जबकि कुछ इलाकों ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन करने वालों पर किसी तरह के कोई चालान नहीं काटे जा रहे हैं.

वहीं कांग्रेस का कहना है कि विपक्ष के जो नेता अपने चैंबर में बैठ कर राजनीति कर रहे हैं वही इस तरह का आरोप लगाते हैं. अब देखना होगा कि रांची ट्रैफिक पुलिस जिस तरह से लोगों के घरो में चालान भेज रही है क्या उस तेजा से ही ट्रैफिक व्यवस्था को बेहदर करने के लिए टैफिक पुलिस कुछ पहल करेगी .

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