CBI के तीसरे समन के बाद भी नहीं पहुंचे तेजस्वी यादव, एजेंसी कर सकती है कार्रवाई

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Bihar: जमीन के बदले नौकरी मामले में एक तरफ सीबीआई तेजस्वी यादव से पूछताछ के लिए अब तक कुल तीन बार समन भेज चुकी है. वहीं, तेजस्वी यादव अपनी व्यस्तता का हवाला देकर ईडी द्वारा भेजे गए तीन समन के बावजूद, पूछताछ में अब तक शामिल नहीं हो सके हैं. तीन बार सीबीआई द्वारा समन भेजे जाने के बाद भी तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति को एजेंसी अब जांच में असहयोग मान रही है.

एजेंसी कर सकती है कानूनी कार्रवाई

सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए लगातार तीन बार समन भेजे जाने के बावजूद तेजस्वी की गैर-हाजरी को लेकर जांच एजेंसी कार्रवाई की मूड में है. मामले में राजनीतिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सीबीआई फिलहाल आगे के कानूनी कार्रवाई को लेकर विशेषज्ञों से राय ले रही है. अनुमान यह भी है कि सीबीआई पूछताछ में तेजस्वी यादव के उपस्थित रहने के आदेश की मांग का अनुरोध, कोर्ट से कर सकती है.

ईडी ने तीन बार भेजा है तेजस्वी को बुलावा

आपको बता दें कि नौकरी के बदले जमीन मामले में जांच एजेंसी सीबीआई ने, बीते 15 दिनों में तीन बार तेजस्वी को समन भेज चुकी है. पहला समन सीबीआई ने बीते 4 मार्च को भेजा था. दूसरी बार 11 मार्च को सीबीआई द्वारा उन्हें समन भेजा गया था. वहीं, दूसरी बार भी पूछताछ के लिए तेजस्वी के ना आने पर सीबीआई ने बीते मंगलवार को तीसरा समन भेजा. हालांकि, तेजस्वी सीबीआई के तीसरे समन के बावजूद पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए.

 जमीन के बदले नौकरी मामले की ये है पूरी कहानी

जमीन के बदले नौकरी का यह पूरा मामला लालू यादव के केंद्र में रेल मंत्री के उनके कार्यकाल से जुड़ा है. लालू यादव यूपीए सरकार में साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे. इस दौरान उनपर यह आरोप लगे कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप-डी की नौकरी, अपने परिवारिक सदस्यों के नाम पर अभ्यर्थियों से जमीन लेकर दी. रेलवे में भर्ती को लेकर इस दौरान कोई भी विज्ञापन या अधिसूचना जारी नहीं की गई थी. सीबीआई ने इस मामले में छानबीन शुरू की. सीबीआई की छापेमारी के बाद इस मामले में कई बड़े खुलासे हुए. सीबीआई की छापेमारी में यह पता चला कि तात्कालीन रेल मंत्री द्वारा जमीन के बदले नौकरी देने के क्रम में सिर्फ राजधानी पटना में 1,05,292 फीट जमीन लालू परिवार ने हासिल किया.

सीबीआई की चार्टशीट में यह भी खुलासा हुआ कि अभ्यर्थियों ने रेलवे के ग्रुप डी की भर्ती के लिए रेल मंत्रालय को गलत दस्तावेज दिए थे. इन सब के एवज में अभ्यर्थियों ने लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी व उनकी बेटी हेमा यादव को इस घोटाले के लिए गिफ्ट में जमीने दी.

दरअसल, इसी साल जनवरी महीने में गृह मंत्रालय द्वारा सीबीआई को मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई थी. हालांकि इस पूरे मामले में सीबीआई ने पिछले साल के अक्टूबर महीने में लालू यादव, राबड़ी देवी, उनकी बेटी समेत घोटाले में शामिल रेलवे अधिकारियों सहित कुल 16 आरोपियों को नामजद किया था. आपको बता दें कि इससे पहले साल 2017 में भी सीबीआई ने इस मामले को लेकर जांच आगे बढ़ाया था.

दरअसल, जमीन के बदले नौकरी मामले में बीते 6 मार्च को राबड़ी देवी के पटना आवास पर सीबीआई का छापा पड़ा. सीबीआई ने कथित भष्टाचार मामले में ईडी से इसकी शिकायत की. पांच दिन पहले कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले में ईडी ने बिहार, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई सहित रांची में लालू के करीबियों के घर व दफ्तर में छापा मारकर लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ा दी.

बता दें कि कथित घोटाले मामले में सीबीआई ने 15 मार्च को पूछताछ के लिए समन भेजा था, साथ ही लालू यादव के बेटे व बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को तीन बार समन भेज चुकी है. ईडी ने छापेमारी के बाद यह दावा किया था कि लालू यादव व उनके संबंधियों के ठिकानों से करीब 600 करोड़ रुपए की आपराधिक संपत्ति मिली है.

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