बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को विपक्षी एकता की बैठक हुई. इस बैठक में तय किया गया कि पार्टी UPA नहीं बल्कि INDIA के नाम से आगे बढ़ेगी. जिसके बाद खबर चली कि इस नाम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हैं. हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया कि वो नाराज नहीं हैं बल्कि मलमास मेले की वजह से वो बेंगलुरु से बिहार जल्दी लौट गए थे. वहीं, अब INDIA नाम पर बिहार भाजपा के नेता सुशील मोदी ने बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि कोई तिरंगा को पार्टी का चुनाव चिन्ह बनाने की घोषणा कर देगी, कोई अशोक स्तंभ जैसे प्रतीक का राजनीतिक इस्तेमाल करने लगेगा तो वो अलग बात ही हो गई. उन्होंने कहा कि वो INDIA नाम के कानूनी पहलू पर नहीं जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि केवल INDIA नाम रख देने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. लोग और राजनेता तो वही हैं. और अगर उनका नाम INDIA है तो उनका मुकाबला भारत से होगा.
इसके बाद उन्होंने भारत का अर्थ बताया. उन्होंने बोला भारत का अर्थ होता है इस देश के करोड़ों गरीब, किसान, मजदूर और नौजवान जो भारत की संस्कृति में विश्वास करते हैं. जो यहां के इतिहास, यहां के परंपरा में विश्वास रखते हैं.
इसके बाद उन्होंने INDIA का अर्थ बताया. उन्होंने कहा कि INDIA का अर्थ होता है जो अंग्रेजी स्कूलों से पढ़कर निकले लोग हैं, जो पश्चिम से प्रेरणा प्राप्त करते हैं, जो विदेशों में जाकर छुट्टियां मनाते हैं. इंडिया और भारत की लड़ाई, आज की लड़ाई थोड़ी है ये तो पिछले 50 साल से लड़ाई चल रही है. और इस लड़ाई में हमेशा भारत की जीत हुई है. इसलिए लोग नाम कुछ भी रख लें सौ जुगनू मिलकर भी सूरज का मुकाबला नहीं कर पाएंगे.