साहिबगंज डीसी ने ED से कहा मैं IPS अफसर रहा हूं मुझे कानून मत सिखाए, जानिए क्या है पूरा मामला

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मैं आइपीएस अफसर रहा हूं, मुझे कानून मत सिखाओ.’ यह बोल हैं साहिबगंज DC रामनिवास यादव के. बीते दिनों मध्य प्रदेश के जिला अधिकारी किशोर कन्याल का एक विडियों सोशल मिडिया पर वायरल हो रहा था जिसमें डीएम किशोर कन्याल एक ट्रक ड्राईवर से उसकी औकात पुछते नजर आ रहे थे, और अब ऐसा ही कुछ मामला झारखंड से भी सामने आया है.

मैं आइपीएस अफसर रहा हूं, मुझे कानून मत सिखाओ.’ यह बात साहिबगंज के डीसी राम निवास यादव ने अवैध खनन घोटाले की जांच के दौरान इडी के एक अधिकारी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में तुनकते हुए उक्त बातें कही थीं. सिर्फ इतना ही नहीं, बीते 3 जनवरी को छापामारी करने पहुंची इडी के अफसर पर भी रोब जमाने की कोशिश की. हालांकि, साहिबगंज डीसी के आफिस से नकद कैश और प्रतिबंधित हथियारों की गोलियां भी मिली हैं.

बता दें कि साहिबगंज अवैध खनन से जुड़े मामले में साहिबगंज के डीसी राम निवास यादव से ईडी कई बार पूछताछ भी कर चुकी है. ईडी ने अवैध खनन मामले में पत्थर से भरे ट्रकों से लदे स्टीमर के गंगा नदी में डूबने की भी जांच की. वहीं इस जांच में स्टीमर का संचालन राजेश यादव उर्फ दाहू यादव द्वारा करने की पुष्टि हुई थी.

इडी ने स्टीमर के मालिक के साथ किये गये एकरारनामे की जांच और पूछताछ के बाद यह पाया कि इस स्टीमर पर दाहू यादव का दबदबा था. लेकिन, उस दुर्घटना के सिलसिले में उपायुक्त ने पत्र संख्या 674(दिनांक 26-7-2022) के तहत यह सूचित किया था कि स्टीमर अवैध रूप से चलाया जा रहा था. स्टीमर दुर्घटना के सिलसिले में थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, लेकिन इसमें दाहू यादव को अभियुक्त नहीं बनाया गया था. इस तथ्य की जानकारी मिलने के बाद इडी के जूनियर अधिकारी ने उपायुक्त से जानना चाहा था कि प्राथमिकी में दाहू यादव को अभियुक्त क्यों नहीं बनाया गया? जबकि, स्टीमर दाहू यादव चलवाता था.

इडी के अधिकारी द्वारा पूछे गये इस सवाल के जवाब में उपायुक्त ने तुनक कर यह कहा था : मैं आइपीएस अफसर रहा हूं, मुझे कानून मत सिखाओ कि किसे अभियुक्त बनाना चाहिए और किसे नहीं. उल्लेखनीय है कि राम निवास यादव पहले आइपीएस अफसर थे. बाद में आइएएस बने. साहिबगंज के उपायुक्त राम निवास यादव ने बीते तीन जनवरी को हुई छापेमारी के दौरान भी इडी के अफसरों को डराने की कोशिश की.

हालांकि, नाकाम रहे. इडी के अफसरों की टीम तीन जनवरी को अहले सुबह ही उनके सरकारी आवास पर पहुंच कर छापेमारी की थी. वहीं इडी की टीम पर नजर पड़ते ही उपायुक्त ने रौब जमाने की कोशिश की और कड़क कर पूछने लगे की डीसी के सरकारी बंगले में आप लोग बिना परमिशन के अंदर कैसे आ गये? वही उनके इस जवाब में इडी ने उन्हें सर्च वारंट पकड़ा दिया और कहा कि हम लोग आपसे भी बड़े-बड़े अफसरों के घर में घुस चुके हैं.

जिस के घर में घुसे वे सालों से अंदर हैं. यह जवाब सुन कर डीसी साहब खामोश हो गये. वहां छापेमारी के दौरान कई गोलियां और नकद कैश मिलने के बाद डीसी साहब पूरी तरह सुन पड़ गये.

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