झारखंड में चुनावों को लेकर बदल रहा राजनीतिक समीकरण, झारखंड सरकार ने लिए ये बड़े फैसले

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जहां एक ओर इंडिया गठबंधन के नेता एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन सार्वजनिक तौर पर ये बयान देते हैं कि ‘सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है.

वहीं दूसरी ओर झारखंड में आगामी चुनावों के लेकर इंडिया गठबंधन के नेता बहुसंख्यक वोटरों को लुभाने के लिए अब सनातन कार्ड ही खेल रहे हैं. ये बातें हम नहीं बल्कि दैनिक जागरण की रिपोर्ट्स कह रही हैं.

रिपोर्ट्स के अनुसार झारखंड सरकार ने पिछले दिनों राज्य में हिंदुओं के हित के लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. इन फैसलों के अंतर्गत राज्य में गो सेवा आयोग और हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है. बता दें लंबे समय से ये दोनों संस्थाएं झारखंड में लगभग निष्क्रिय थीं. नए सिरे से गठन के बाद झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड का अध्यक्ष कांग्रेस के जयशंकर पाठक को बनाया गया है, जयशंकर पाठक ने यह भी कह दिया कि कांग्रेस पार्टी सनातन धर्म के अनुसार चलने वाली एकमात्र पार्टी है. हम सनातन धर्म का बढ़ावा देते हैं और भाजपा सिर्फ दिखावा करती है.

हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड ने राज्य के प्रमुख मंदिरों में फेरबदल का काम आरंभ किया है. इसकी शुरुआत राजधानी रांची के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर और चतरा जिले में स्थित इटखोरी के भद्रकाली मंदिर से की गई है. रांची के कुछ अन्य मंदिरों की प्रबंधक कमेटी में भी फेरबदल किया गया है. गो सेवा आयोग ने भी गोशालाओं की स्थिति में बदलाव को लेकर गतिविधियां आरंभ की है. इतना ही नहीं आजकल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मंदिरों के दर्शन के लिए जाते हैं. हाल ही में मुंबई में इंडिया की बैठक में भाग लेने जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गए तो सिद्धिविनायक मंदिर में उन्होंने अपनी पत्नी के साथ दर्शन करने के बाद तस्वीर भी सोशल मीडिया पर साझा की.

झारखंड के राजनीतिक गलियारों में चल रही गतिविधियों को देखने के बाद कहा जा सकता है कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है,इसका पहले से अनुमान कोई नहीं लग सकता है. राजनीतिक दल मौका देखकर मुद्दे पकड़ते और छोड़ते हैं. कभी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता मुस्लिमों के धार्मिक जुलूस में तलवार भांजते और हरी पगड़ी पहने नजर आते थे. वही नेता आज मंदिरों में की तरफ रुख कर रहे हैं.

ऐसा माना जाता रहा है कि झारखंड की सत्तारुढ़ पार्टी झामुमो की परंपरागत वोट बैंक थ्री एम यानी महतो ,मुस्लिम और मांझी है. लेकिन इस बार 2024 के चुनाव में झामुमो झारखंड में भाजपा का वोट काटने की कोशिश में है. जहां केंद्र की भाजपा सरकार का नरेटिव हिंदुत्व पर चुनाव लड़ना है वहीं विपक्षी पार्टियों और इंडिया गठबंधन के पास चुनाव के लिए अब तक कोई भी नरेटिव सेट नहीं है. झारखंड में अब झामुमो-कांग्रेस भाजपा की ही स्ट्रैटजी अपना कर भाजपा के वोट बैंक को अपने तरफ शिफ्ट करने की सोच में हैं.

उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद उनके सहयोगी दल के नेता उनके सपर्थन करते नजर आए. चाहे वो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे हो या आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव . लालू यादव ने उदयनिधि के समर्थन में कहा कि -बीजेपी ढोंगी है, पागल हो गई है क्योंकि वे कोई भी मुद्दा गढ़ रही है. हम सभी का एक ही मालिक है.परमात्मा से कोई बड़ा नहीं है.

इंडिया गठबंधन की पार्टियों सनातन मामले में एक होती नहीं दिख रही है. गठबंधन के अंदर अब सनातन का मुद्दा दो भागों में बंटता दिख रहा है.

अब झारखंड में कांग्रेस-जेएमएम का सनातन कार्ड चुनावों में कितना कारगार साबित होगा ये तो चुनावी नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा.

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