सुभाष मुंडा हत्याकांड और 91 डिसमिल जमीन का कनेक्शन खोज रही पुलिस

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राजधानी रांची में दो दिन पहले हुए माकपा नेता सुभाष मुंडा हत्याकांड ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. पुलिस तंत्र  पुरजोर कोशिश कर रही है कि इस हत्याकांड का पर्दाफाश हो और जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ा जाए.

पुलिस के हालिया जांच में ये पाया गया है कि नगड़ी पेट्रोल पंप के पास 91 डिसमिल जमीन सुभाष मुंड़ा के हत्या का मुख्य कारण हो सकता है.  जांच के दौरान ये पाया गया कि इस जमीन को लेकर एतवा मुंडा और विष्णु मुंडा के बीच एक साल से विवाद चल रहा था. जिसको लेकर विष्णु मुंडा ने सुभाष मुंडा से मदद मांगी थी. इस मामले में सुलह हो जाए इसको लेकर हत्या से एक दिन पहले दोनों पक्ष के बीच बैठक हुई थी. जिसमें विष्णु मुंडा के तरफ से सुभाष मुंडा गए थे. वहीं दूसरी तरफ से एतवा मुंडा, उसका चचेरा भाई, मुंशी और बाहर से आए चार युवक थे.

सुभाष मुंडा ने एतवा मुंडा को जमीन से हटने को कहा था. इसपर दोनो पक्षों के बीच कहासुनी हो गई. इसके बाद जो चार अन्य लोग थे उसमें से एक ने सुभाष को देख लेने की धमकी दी थी.  इस बैठक के अगले ही दिन यानी की बुधवार की रात को  सुभाष मुंडा के ऑफिस में घुस कर अपराधियों ने गोली मार दी.

एक दिन पहले धमकी मिलना और अगली दिन  हत्या हो जाने के कारण पुलिस अब इसी एंगल में जांच कर रही है. ताकी जल्द से जल्द आरोपियो को पकड़ा जा सके.

पुलिस सीसीटीवी फुटेज भी देख रही है लेकिन फुटेज  में उनका चेहरा स्पष्ट नहीं है.शूटरों की बाइक का नंबर भी पता नहीं चल पा रहा है.पुलिस घटना स्थल का काल दंड निकाल रही है, जिससे यह साफ हो पाएगा  कि घटना के वक्त कौन-कौन से मोबाइल घटनास्थल पर एक्टिव थे. इसके अलावा एसआईटी  लगातार छापेमारी कर रही है. इस जांच में पुलिस ने करीब 45 जमीन कारोबारियों को पूछताछ के लिए उठाया है. इन लोगों से नगड़ी, मांडर और कांके थाना में पूछताछ जारी है. इनमें से ज्यादातर कारोबारी ऐसे हैं जो पहले किसी न किसी मामले में आरोपी हैं.

इसके साथ ही एक टीम ने बिरसा मुंडा जेल में बंद डब्लू कुजूर और राहुल कुजूर से हत्याकांड के बारे में जानकारी ली है. इनकी गतिविधियों को भी खंगाला. लेकिन इन दोनों की कोई संलिप्तता नहीं मिली है. ये दोनों जमीन कारोबारी कमल भूषण हत्याकांड में दोनों आरोपित हैं.

पुलिस ने कुछ ऐसे लोगों को भी उठाया है जो अभी हाल में ही जेल से निकले हैं.पुलिस का ये दावा है कि हत्यारों को जल्द पकड़ लिया जाएगा. डीआइजी और एसएसपी स्वयं इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं.

देखना होगा की इस हत्याकांड मामले में पुलिस को सफलता कब तक मिलती है. इस हत्याकांड के बाद ग्रमीणों और सुभाष मुंडा के समर्थकों ने आक्रोश में रांची बंद का ऐलान भी कर दिया था. इसके साथ तोड़ फोड़ और अगजनी भी की गई थी. कल के विधानसभा सत्र में भी कई नेताओं ने इस मामले की जांच की मांग की. साथ ही पुलिस प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े किए. ऐसे में पुलिस प्रशासन पर भी इस मामले को जल्द से जल्द निबटाने का दबाव है.

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