NEET पेपर लीक मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है। इस क्रम में, सीबीआई की आठ सदस्यीय टीम हजारीबाग पहुंची है और कल्लू चौक मंडई रोड स्थित ओएसिस स्कूल में जांच कर रही है।
सीबीआई की टीम के पहुंचते ही कैंपस के मेन गेट को बंद कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, स्कूल के प्राचार्य और परीक्षा के सिटी कॉर्डिनेटर डॉ. एहसान उल हक से संदेह के आधार पर पूछताछ की जा रही है।
दो दिन पहले, स्कूल के प्राचार्य और सिटी कॉर्डिनेटर डॉ. एहसान उल हक ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि ओएसिस स्कूल में NEET का पेपर लीक नहीं हुआ है। उन्होंने आशंका जताई थी कि ब्लू डार्ट कूरियर के हजारीबाग सेंटर से एसबीआई शाखा तक पेपर पहुंचने के दौरान एसओपी का पालन नहीं किया गया था, जिससे पेपर में छेड़छाड़ हो सकती है।
परीक्षा के प्रश्न पत्र नौ बक्सों में परीक्षा केंद्रों पर भेजे गए थे। एनटीए के सिटी कॉर्डिनेटर डॉ. एहसान उल हक ने बताया कि 5 मई को हजारीबाग के पांच केंद्रों पर एनटीए के मानकों के अनुसार परीक्षा ली गई। प्रश्न पत्रों के सील बक्से 5 मई 2024 को सुबह 7:30 बजे एसबीआई बैंक में प्राप्त हुए थे और इन्हें हजारीबाग के सभी पांच परीक्षा केंद्रों के सेंटर सुपरिटेंडेंट और ऑब्जर्वर को बैंक मैनेजर की उपस्थिति में सौंपा गया था। सभी केंद्रों पर परीक्षा शांति से संपन्न हुई थी।
प्रश्न पत्र सात लेयर में कवर होकर आते हैं। पहला लेयर कार्टन से कवर होता है जिस पर टेपिंग की हुई होती है। इसके बाद आयरन बॉक्स होता है जिसमें दो लॉक लगे होते हैं। एक लॉक आरी से काटना होता है और दूसरा लॉक डिजिटल होता है, जो समय पर स्वत: खुल जाता है।
उन्होंने बताया कि जब प्रश्न पत्र प्राप्त हुए थे तब वे पूरी तरह से सील थे। प्रश्न पत्र बॉक्स रिसीव करते समय बैंक के दो कस्टोडियन मौजूद थे। उस दिन, सिटी कॉर्डिनेटर और पांच सेंटर के सुपरिटेंडेंट और एनटीए के पांच ऑब्जर्वर भी उपस्थित थे।
इसके बाद, बॉक्स रिसीव कर अलग-अलग सेंटर पर भेजे गए। परीक्षा के दिन, प्रश्न पत्र बांटने से पहले निर्धारित समय पर आयरन बॉक्स का एक लॉक खोला गया। दूसरा डिजिटल लॉक स्वत: नहीं खुला, तो एनटीए के निर्देश पर आरी से काटकर खोला गया।