झारखंड के इस जिले में तंबाकू से बचने के लिए उठाए जा रहे ये कदम, जानें

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ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे 2019 के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में 38.9 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन करते हैं.वहीं राज्य में धूम्रपान करने वाले छात्रों के आंकड़े भी आपको हैरान कर देंगे. राज्य में 7.5 फीसदी छात्र धुआंरहित तंबाकू उत्पाद का सेवन करते हैं. वहीं 5.1 प्रतिशत छात्र तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं. 1.1 प्रतिशत छात्र सिगरेट पी रहे हैं. और आपको बता दें कि तंबाकू के सेवन से देश भर में हर साल लगभग 12 लाख लोगों की मौत हो जाती है.

इस तंबाकू के लत और सेवन से बचने का सबसे बड़ा उपाय है इसके प्रति जागरुकता. झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के सरकारी स्कूलों में तंबाकू सेवन के खिलाफ बच्चों को जागरुक करने की एक नई पहल शुरु की जा रही है. हिंदुस्तान की रिपोर्ट् के अनुसार अब स्कूलों के विद्यार्थी प्रार्थना सभा में तंबाकू से दूर रहने की शपथ लेंगे. बता दें पूर्वी सिंहभूम के जिला शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए यह निर्देश जारी किया है.

इस विषय पर विभाग का मानना है कि बच्चों से बेहतर प्रचार का जरिया कोई नहीं हो सकता है. प्रार्थना सभा में बताई गई बातों का बच्चों पर विशेष असर होता है, इसलिए इस सभा को अभियान का जरिया बनाया गया है.इतना ही नहीं, इसकी निगरानी का जिम्मा स्कूल के प्रिंसिपल को सौंपा गया है.

वहीं बताते चले कि विभाग ने सभी स्कूलों को शपथ ग्रहण के लिए एक फॉर्मेट भी दिया गया है, ताकि स्कूल शपथ ग्रहण के दौरान उपस्थित सभी विद्यार्थियों का डाटा उपलब्ध करा सकें. इस फॉर्मेट में शपथ ग्रहण करने वाले बच्चे और अनुपस्थित बच्चों की संख्या पर प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर होंगे और इसे नियमित तौर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) कार्यालय को भेजना होगा. शपथ ग्रहण को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया ने सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक को भेजे गये पत्र में कहा है कि इस निर्देश का हर हाल में पालन होना चाहिए.

वहीं जिला शिक्षा विभाग इसे लेकर काफी गंभीर नजर आ रहा है. शपथ के साथ साथ जागरुकता फैलैने के लिए अन्य कार्यक्रम में समय समय पर आयोजित की जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार तंबाकू के प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभाव और इससे बचने के उपाय को लेकर स्कूलों में नियमित तौर पर विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता भी कराई जाएगी. स्कूलों में पोस्टर मेकिंग, निबंध लेखन प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाएगी. प्रत्येक महिने विद्यार्थियों द्वारा रैली भी निकाली जाएगी, जिससे आसपास के लोग भी जागरूक हो सकें.

कहा जा सकता है कि सरकार की ओर से यह एक सराहनीय कदम है. अगर छात्र अपने स्कूल के दिनों से ही इस तरह की बातों से परिचित रहेंगे तो भविष्य में गलतियां करने की गुंजाइश कम होगी. अगर राज्य के छात्र सही दिशा में आगे बढ़ेंगे तो ये बच्चे राज्य को भी आगे बढ़ाने का काम जरुर करेंगे.

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