झारखंड के इन विधायकों पर लगे हैं गंभीर आपराधिक मामले ,जानें

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अब तक हमने आपको झारखंड में सबसे अधिक संपत्ति वाले विधायक, सबसे कम संपत्ति वाले विधायक इसके साथ साथ झारखंड के सबसे अधिक पढ़े लिखे और झारखंड के सबसे कम पढ़े-लिखे विधायकों का विवरण दिया है. अब झारखंड के ऐसे विधायकों की सूची के साथ आई है,जिनके ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है.

चुनाव आयोग के रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में कुल 81 विधायक हैं जिनमें से 44 विधायकों आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं. वहीं 28 विधायकों ने खुद पर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. गंभीर आपराधिक मामलों के अंतर्गत हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं पर अत्याचार, धमकी से संबंधित मामले होते हैं.जिसमें प्रमुख रुप से जेएमएम के 17 विधायक, बीजेपी के 25, कांग्रेस के 16, और आजसू के 2 विधायक शामिल हैं, जिनपर गंभीर धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

आज की इस वीडियों में हम ऐसे 5 विधायकों की चर्चा करेंगे जिनके ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. बता दें 2019 के आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक अपराधिक मामले पोडैयाहाट से कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव पर दर्ज है. प्रदीप यादव पर कुल 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें गंभीर आईपीसी के 17 मामले और अन्य आईपीसी के 61 मामले दर्ज हैं. बता दें कि प्रदीप यादव पर 2 केस अटेंप्ट टू मर्डर के हैं तो वहीं 1 आरोप महिला नेत्री के साथ दुर्वहार करने का भी है.

झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी धनवार के विधायक हैं. वैसे 2019 में वे झारखंड विकास मोर्चा से विधायक बने थे,लेकिन लगभग साल 2020 में पार्टी का अस्तित्व समाप्त होने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए. बाबूलाल मरांडी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इन पर कुल 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें गंभीर आईपीसी के 22 और अन्य आईपीसी के 30 आपराधिक मामले हैं. इन पर धमकाने का 1 आरोप भी दर्ज है.

27 करोड़ की संपत्ति के मालिक कुशवाहा शशिभूषण मेहता पांकी से बीजेपी विधायक हैं. इन पर कुल 11 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें गंभीर अपराध 14 और अन्य आईपीसी के 18 मामले दर्ज हैं. जिसमें 1 केस मर्डर से भी संबंधित है और 1 हत्या के प्रयास का भी मामला इन पर दर्ज है.

वहीं सरायकेला खरसावां से जेएमएम विधायक दशरथ गगराई भी इसमें पीछे नहीं हैं उनके ऊपर कुल 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें गंभीर आईपीसी के 6 मामले और अन्य आईपीसी के 2 मामले दर्ज हैं. दशरथ गगराई कुल 4 करोड़ संपत्ति के मालिक हैं और इन पर हत्या के प्रयास यानी अटेंप्ट टू मर्डर के 2 चार्ज लगे हैं.

बाघमारा से बीजेपी विधायक ढूल्लू महतो पर कुल 4 मामले दर्ज हैं. जिसमें से उनपर गंभीर आईपीसी की 9 और अन्य आईपीसी के 17 मामले दर्ज हैं. आपको जानकर बेहद ही हैरानी होगी कि ढूल्लू महतो पर 1 चार्ज रेप से भी संबंधित है.

इन विधायकों के बारे में जानने के बाद ऐसा लगता है कि झारखंड विधानसभा में ज्यादातर दागदार विधायक ही बैठे हैं. अब अगर शासन करने वाले ही आपराधिक प्रवृतियों में संलिप्त होंगे तो राज्य में अपराध का ग्राफ दिन ब दिन ऊपर बढ़ना कोई अनोखी बात नहीं है. हां ये बिल्कुल सच है कि राजनीति में रहते हुए नेता मंत्रियों पर कई बार फर्जी एफआईआर भी किए जाते हैं. लेकिन क्या कोई ऐसी व्यवस्था नहीं बननी चाहिए कि चुनाव से पहले ही प्रत्याशियों के अपराधिक और गंभीर आपराधिक मामलों की जांच की जाए और जांच के नतीजे भी जल्द से जल्द आ जाए. चुनाव तक प्रत्याशी अगर दागदार साबित नहीं होता तभी चुनाव लड़ने दिया जाए. विधायक मंत्रियों पर आपराधिक मामला एक बड़ा और गंभीर मुद्दा है. चुनाव आयोग को इस पर जरुर विचार करना चाहिए.

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