आज कल कान्स फिल्म फेस्टिवल को लेकर चर्चाएं काफी तेज हैं. आप कोई भी सोशल मीडिया एप खोल लीजिए आपको कान्स रेड कार्पेट की अपडेट देखने को मिल ही जाएंगी. सारे सेलेब्स को रेड कार्पेट पर वॉक करते हुए देख कर आपके मन में ये सवाल जरुर आता होगा कि आखिर सेलेब्स यहां पहुंचने के लिए इतने उत्साहित क्यों रहते हैं और कान्स में ऐसा है क्या कि फिल्मी सितारों के लिए यहां पहुंचना एक सपने की तरह है.तो चलिए आज की वीडियो में हम आपको बताते हैं कान्स से जुड़े वो इंटरेस्टिंग फैक्ट्स जो शायद ही आपको मालूम हो.
पहले तो कान्स फिल्म फेस्टिवल का इतिहास ही जान लीजिए. असल में कान्स फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत 20 सितंबर, 1946 को हुई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक1938 में जर्मनी के तानाशाह हिटलर और मुसोलिनी ने वेनिस फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत की और ये गुट अपने पंसदीदा लोगों को अवॉर्ड देने के लिए मशहुर हो गया . उनकी तानाशाही से परेशान होकर कई ज्यूरी सदस्यों ने वेनिस फिल्म फेस्टिवल से इस्तीफ़ा दे दिया और एक फ्री फेस्टिवल शुरू किया जिसकी लोकेशन कान्स रखी गई. बताते चलें कि कान्स फ्रांस का एक छोटा सा शहर है.
भारत का कान्स से रिश्ता हमेसा से ही बहुत खास रहा है. इस रिश्ते की बीज 76 साल पहले हुई थी. सन् 1946 में चेतन आनंद की फिल्म “नीचा नगर” कान्स में जाने वाली पहली भारतीय फिल्म बनी. उस वक्त चेतन आनंद की फिल्म नीचा नगर को कान्स फेस्टि वल के सबसे सम्मानित Grand Prix award से भी नवाजा गया था. हालांकि अब इस अवॉर्ड को the Palm d’Or के नाम से जाना जाता है. फिल्म नीचा नागर के बाद कान्स में, 1951 में रलीज हुई राजकपूर की फिल्म अवारा , 1953 में दो बीघा जमीन, 1954 में बूट पॉलिश, 1955 में पाथेर पांचाली, 1965 में गाइड, 1982 में खार जी, 1988 में सलाम बॉम्बे, 2010 में उड़ान, 2013 में इरफान खान की लंच बॉक्स को भी यहां सम्मानित किया जा चुका है.
कान्स के रेड कारपेट में बॉलीवुड की कई एक्ट्रेस वॉक करने के लिए पहुंचती हैं, लेकिन इसके पीछे कारण क्या है. दरअसल कई कॉस्मेटिक ब्रांड इस फेस्टिसवल के पाटर्नर होते हैं. इस वजह से कॉस्मेटटिक ब्रांड के ब्रांड एम्बेसडर रेड कारपेट पर वॉक करते हुए इसका प्रमोशन करती हैं. आपका जानकारी के लिए ये भी बता दें कि इस फेस्टिवल के दौरान रेड कार्पेट पर सेलेब्स दिनभर वॉक करते हैं जिसके चलते कार्पेट दिन में 3 बार बदला जाता है और इसकी लंबाई 2 किमी की होती है.
साल 1950 में चेतन आनंद इंटरनेशनल ज्यूरी में भारत की तरफ से पहले सदस्य बने थे. 1980 में मृणाल सेन को इंटरनेशनल ज्यूरी का सदस्य बनाया गया. वहीं साल 2003 में ऐश्वर्या राय कान्स की इंटरनेशल ज्यूरी की पहली भारतीय महिला सदस्य बनी और 2022 में दीपिका पादुकोण कान्स फिल्म फेस्टिवल में बतौर ज्यूरी शामिल हुई थी.
इस बार भी कांस फिल्म फेस्टिवल बीते 16 मई से शुरु हो चुका है और यह 27 मई तक चलेगा. अब तक कांस के रेड कार्पेट में बॉलीवुड की कई एक्टर्स वॉक कर चुकी हैं. इसके साथ ही इस बार हरियाणवी डांसर सपना चौधरी को भी कांस जाने का मौका मिला. सारा अली खान, मानुषी छिलल्लर, अनुष्का शर्मा ने कांस में डेब्यू किया है. पिछले कुछ सालों से सोशल मीडिया इंफ्युएंसर्स को भी इस रेड कार्पेट पर चलने का मौका दिया जा रहा है.