झारखंड सरकार ने कैबिनेट में लिया यह बड़ा फैसला, जानें

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अगर आप झारखंड के लोहरदगा, सिमडेगा,गुमला,खूंटी,लातेहार, प.सिंहभूम और दुमका से ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थी हैं तो आपके लिए राज्य सरकार की तरफ से अच्छी खबर आई है. सरकार ने आपके लिए बड़ा फैसला लिया है. अब झारखंड के इन सातों जिलों के ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थियों को भी  EWS के तहत 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा.

बीते कल यानी 11 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अध्यक्षता में झारखंड कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में राज्य हित के 30 फैसलों पर मुहर लगाई गई. इसी कल के कैबिनेट की बैठक में ही राज्य सरकार द्वारा इन सात जिलों के अभ्यर्थियों के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया गया.

दरअसल बीते मार्च की कैबिनेट बैठक में हेमंत सोरेन की सरकार ने जिलावार आरक्षण रोस्टर का प्रस्ताव पेश किया था,जिसमें लोहरदगा, सिमडेगा,गुमला,खूंटी,लातेहार, प.सिंहभूम और दुमका जिला के ओबीसी कैटेगरी को शून्य आरक्षण का प्रावधान था.सरकार के इस फैसले से विपक्ष सरकार पर हमलावार हो गई थी. जिसके बाद बीते कल राज्य में जिला स्तरीय नियुक्तियों में ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार ने अहम फैसला लिया.कैबिनेट की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि वैसे सात जिलों में जहां पिछड़ा व अत्यंत पिछड़ा वर्ग का आरक्षण जिला स्तरीय नियुक्तियों में शून्य था, वहां ईडब्लूएस के 10 कोटे में इन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा.

अब इन जिलों के पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी इडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित 10 फीसदी सीटों के तहत आवेदन दे सकेंगे. हालांकि, इसके लिए पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को इडब्ल्यूएस की अर्हता पूरी करते हुए प्रमाण पत्र देना होगा.

EWS का मतलब है Economically Weaker Section यानी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण. हालांकि भारत में यह आरक्षण सिर्फ जनरल कैटेगरी यानी सामान्य वर्ग के लोगों के लिए है. जनवरी 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने 103 वें संविधान संशोधन के तहत EWS कोटा लागू किया था. सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के खंड 6 में इस कोटे को जोड़ा जो नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देता है. इसके तहत राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण और नौकरी पर आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण दे सकती है. साथ ही अनुच्छेद 30 (1) के तहत आने वाले अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को छोड़कर किसी भी शैक्षणिक संस्थान में इस तरह का आरक्षण दिया जा सकता है.
अब झारखंड सरकार ने पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए भी EWS कोटा लागू कर दिया है. आपको बता दें EWS कोटा के लिए कौन सी आहर्ताएं जरुरी हैं.

प्राप्त जानकारी के अनुसार ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के लिए वैसे लोग आवेदन कर सकते हैं, जिनकी वार्षिक आय 8 लाख या उससे कम है, इसमें आय के स्रोतों में सिर्फ सैलरी ही नहीं, कृषि, व्यवसाय और अन्य पेशे से मिलने वाली आय भी शामिल हैं.

वहीं अगर कोई व्यक्ति गांव में रहता है तो ऐसे में उसके पास पांच एकड़ से कम आवासीय भूमि होनी चाहिए, साथ ही 200 वर्ग मीटर से अधिक आवासीय जमीन नहीं होनी चाहिए. शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के पास भी 200 वर्ग मीटर से अधिक आवासीय जमीन नहीं होनी चाहिए. और न ही 200 वर्ग मीटर से ज्यादा भूमि का आवासीय फ्लैट नगरपालिका के अंतर्गत भी होना चाहिए.

EWS के पात्र के पास आरक्षण का दावा करने के लिए ‘आय और संपत्ति प्रमाण पत्र’होना जरूरी है. यह प्रमाण पत्र तहसीलदार या उससे ऊपर पद के राजपत्रित अधिकारी ही जारी करते हैं. इसकी वैधता एक साल तक ही रहती है.

अब अगर आप ईडब्ल्यूएस कोटे की सारी अहर्ताएं पूरी करते हैं और इसके लिए सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने वाले हैं तो ऐसे में आपको पहचान पत्र, राशन कार्ड, स्वयं घोषित प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, पैन कार्ड और दूसरे दस्तावेजों की जरूरत होगी.

अब अगर आप भी इन सातों में से किसी जिले से हैं और ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ लेना चाहते हैं तो अपने सर्टिफिकेट जल्द तैयार करवा लें और क्योंकि झारखंड में अब नियुक्तियों की बौछार होने वाली है.

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