सितंबर में भी हो पायेगी JSSC CGL की परीक्षा? 9 साल में 13 बार टली; नौकरी के बदले मिली तारीख

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रांची:

झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग यानी जेएसएससी द्वारा ली जाने वाली जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा फिर टल गई. अगस्त में प्रस्तावित ये परीक्षा अब सितंबर के अंतिम सप्ताह में हो सकती है. सकती इसलिए क्योंकि गारंटी नहीं है. यदि परीक्षा हो गई तो रिजल्ट अक्टूबर में जारी किया जायेगा. जेएसएससी सीजीएल परीक्षा की तैयारी कर रहे हजारों अभ्यर्थी आयोग के इस नये फैसले के बाद सड़कों पर हैं. सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. आयोग को कोस रहे हैं. दिक्कत है कि कोई सुनने वाला नहीं है. एक परीक्षा की संभावित तारीख बदल गई और इतना विरोध क्यों. इसका जवाब एक शब्द में नहीं दिया सकता. पूरा अतीत खंगालना होगा.

दरअसल, जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा पिछले 9 साल में 13 बार या तो स्थगित हो गई या फिर टल गई है. यहां जिस प्रतियोगिता परीक्षा की हम बात कर रहे हैं उसका विज्ञापन साल 2015 में निकला था. अब आधे से ज्यादा 2024 खत्म हो चुका है. इस दौरान 3 वनडे वर्ल्ड कप हो गये. 3 टी20 विश्व कप खेल लिया गया. 3 ओलंपिक बीते. मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गये. हेमंत सोरेन ने 2 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और अंबानी मोटा भाय के बेटे की शादी भी हो गई लेकिन जेएसएससी सीजीएल की एक अदद परीक्षा नहीं हो पायी. कभी सरकार बदली तो कभी नियोजन नीति. कभी आयोग का अध्यक्ष बदला तो कभी कारण ही मिसलेनियस था. 22 साल की उम्र में 2015 में फॉर्म भरने वाले लड़के-लड़कियां अब 31 के हो गये.

पहेली क्या बुझाना. चलिए शुरू से शुरुआत करते हैं. छात्र राजेश ओझा बताते है कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा का विज्ञापन फरवरी 2015 में जारी किया गया था. फिर मार्च 2015 में परीक्षा की संभावित तारीख जारी की गई. अगस्त 2015 परीक्षा की संभावित तारीख थी लेकिन अपरिहार्य कारणों से टाल दी गई. पूरा साल बीत गया. फिर अगस्त 2016 में परीक्षा का आयोजन किया गया. प्रीलिम्स परीक्षा में 6 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुये. राजेश ओझा बताते हैं कि आरक्षण संबंधी किसी विवाद की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई. 2017 और 2018 बीत गया. फिर आया 2019. माने चुनाव का साल. अक्टूबर 2019 में तात्कालीन रघुवर सरकार के कार्यकाल में आयोग ने संशोधित विज्ञान जारी किया. इस बार पदों की संख्या 1,000 से कुछ ज्यादा थी. नवंबर और दिसंबर चुनाव में बीते. परीक्षा नहीं हुई.

चुनाव संपन्न हुआ औऱ सरकार बदल गई. रघुवर सरकार ने ये विज्ञापन 2016 की नियोजन नीति के तहत निकाला था जिसमें 11 अनुसूचित और 13 गैर अनुसूचित जिलों की 2 कैटेगरी बनाई गई थी. माने कि अनुसूचित जिलों में थर्ड औऱ फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में उसी जिले के युवा आवेदन कर सकते थे वहीं गैर अनुसूचित जिले ओपन फॉर ऑल थे. मामला कोर्ट में लंबित था और झारखंड मुक्ति मोर्चा भी विरोध कर रही थी. चुनाव में वादा किया था कि नई नियोजन नीति लाएंगे.

दिसंबर 2019 में हेमंत सोरेन की सरकार बनी. फरवरी 2020 में कोविड आ गया. लॉकडाउन लगा था और कुछ ज्यादा काम हुआ नहीं. 3 फरवरी 2021 को हेमंत सरकार नई नियोजन नीति लाई. ऐसा करते ही रघुवर कार्यकाल की तमाम नियुक्ति प्रक्रिया स्वत रद्द हो गई. नई नियोजन नीति के तहत झारखंड से 10वीं और 12वीं पास करने वाले अभ्यर्थी ही राज्य की थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में आवेदन कर सकते थे. स्थानीय भाषा की सूची से हिंदी औऱ अंग्रेजी को भी हटा दिया गया. 2021 को हेमंत सरकार ने नियुक्ति वर्ष घोषित किया था लेकिन, इस मामले में पूरा साल सूखा ही रहा. कोविड तब भी था. फिर आया साल 2022. फरवरी 2022 में आयोग ने जेएसएससी सीजीएल का संशोधित विज्ञापन जारी किया. कहा कि मार्च में परीक्षा होगी जो अपरिहार्य कारणों से रद्द कर दी गई. इसके बाद अप्रैल, मई और फिर अगस्त में परीक्षा की संभावित तारीख जारी की गई और सब अपरिहार्य कारणों से टलती गई. माने, 2022 में 4 बार जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा स्थगित हो गई. ये साल भी निकल गया.

दिसंबर 2022 में झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार की नई नियोजन नीति को असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया. 3 हजार से ज्यादा नियुक्ति प्रक्रियाओं पर इसका सीधा असर हुआ. हेमंत सरकार को पुरानी नियमावली पर ही वापस लौटना पड़ा.

फिर 2023 आ गया. आयोग ने फिर से जेएसएससी सीजीएल परीक्षा की तारीख जारी की. 21, 22, 28 और 29 जनवरी 2023 को परीक्षा के लिए संभावित तारीख तय थी. लेकिन ये भी अपरिहार्य कारणों से स्थगित हो गया. अगली संभावित तारीख थी मई 2023. यहां भी परीक्षा नहीं हुई. अगली तारीख आयोग ने दी थी 14 और 15 अक्टूबर 2023. ये भी परीक्षा टाल दी गई. आयोग ने कहा अब परीक्षा 16-17 दिसंबर 2023 को करायेंगे. ये भी नहीं हो पाया. फिर अगली बार जनवरी 2024 में परीक्षा कराने की बात कही. 28 जनवरी 2024 को परीक्षा हुई. अगली परीक्षा 4 फरवरी 2024 को होने वाली थी लेकिन, 28 जनवरी को परीक्षा के तुरंत बाद पेपर लीक का पता चला. 31 जनवरी को अभ्यर्थियों ने जेएसएसी दफ्तर का घेराव किया. पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग उठी.

सरकार ने एसआईटी का गठन किया जिसकी कार्रवाई का अता-पता नहीं है. सरकार ने जल्द परीक्षा के आयोजन का वादा किया था लेकिन वह भी सिर्फ कागजी ही निकला. कहा था कि अगस्त में परीक्षा लेंगे. अब कहते हैं सितंबर में परीक्षा लेंगे. कभी भी आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है. चुनाव का ऐलान किया जा सकता है. ऐसे में आयोग कैसे परीक्षा लेगा. सरकार कैसे रोजगार देगी. 5 साल वादों में बीत गये. नाराज युवा सड़क पर हैं. रोजगार मांगा था और तारीख मिल रही है.

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