1932 खातियान को लेकर झामुमो का राजभवन ओर भाजपा पर पलटवार, कही ये बडी बात..

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झारखंड़ में एक बार फिर खातियान आधारित 1932 की लड़ाई छिड़ गई है. दरअसल झारखंड़ विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यपाल ने 1932 खातियान के विधेयक को वापस विधानसभा को भेजा है. अब दोबारा से इस विधेयक को राजभवन भेजने की तैयारी चल रही है. इस मुद्दे को लेकर सीधे अब झामुमो ने राजभवन और बीजेपी पर निशाना साधा है. साथ ही JMM यह दावा कर रही है कि राज्य में रहने वाले हर झारखंडी को अपने लोग पहचानते है. जिनके पास 1932 नहीं है उन्हें भी इस सूची में जल्द शामिल करने का काम किया जायेगा. उक्त बातें झामुमो सचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने अपने प्रेस वार्ता में कहा है. आगे उन्होने कहा की इस राज्य की लड़ाई जब झामुमो लड़ रही थी तो हम तबभी झारखंडीयत की पहचान की बात करते थे इसे पांच साल में नहीं बांधा जा सकता है.

शीतकालीन सत्र में ही पेश होगा यह विधेयक

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा की हमलोगों ने निर्णय लिया है कि इसे शीतकालीन सत्र में ही पेश करेंगे. राज्यपाल एक विधेयक पर साल भर से कुंडली मार कर बैठे है. यह मुद्दा झारखंड की अस्मिता से जुड़ा हुआ है. इसे ऐसे ही जाने नहीं देंगे. राज्य में आदिवासी मूलवासी को बचाने के लिए राज्य की लड़ाई लड़ी गई थी. दोबारा से अब यह विधेयक जाएगी तो राज्यपाल की मजबूरी होगी कि उसे पास कर केंद्र को भेजे. झामुमो राज्य के हित के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है. खतियान हमारी पहचान है जो झारखंड के लोग है उन्हें झारखंड के लोग पहचानते है. राज्य में स्थानीय वही है जो 1932 आधारीत है.

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