झामुमो ने भाजपा के संकल्प यात्रा समापन को लेकर भाजपा पर साधा निशाना, कहा…

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झारखंड में भाजपा और जोएमएम के बीच की तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. दोनों पार्टियां लगातार एक दूसरे पर जुबानी हमले करते रहती है. बीते कल रांची के हरमू मैदान में झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा का समापन समारोह था. इसी समापन कार्यक्रम में भाजपा के राषट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए. संकल्प यात्रा के समापन में भाजपा ने हेमंत सरकार पर जमकर हमला बोला. जिसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा भी भाजपा पर हमलावर हो गई.
बीते कल झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा के नेताओं को सपने में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिखाई पड़ते हैं, उन्हें हेमंत फोबिया हो गया है.

दरअसल, इन्हें पच नहीं रहा है कि एक आदिवासी कुर्सी पर बैठा है, जो दिन-रात राज्य के लिए काम कर रहा है. भाजपा ने तो अपने दल के आदिवासी नेताओं को दरकिनार कर एक बाहरी छत्तीसगढ़िया के माध्यम से पांच साल तक सत्ता चलाया. झारखंड देश में निचले पायदान पर चला गया.

वहीं आज यानी 29 अक्टूबर को कल झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रीयो भट्टाचापर्य ने भी प्रेस को संबोधित करते हुए भाजपा पर निशाना साधा. सुप्रीयो ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को यह हकीकत समझ आ गया होगा कि अब नुक्कड़ सभा करने के अलावा अब किसी भी तरह की सभा करने का जनता का समर्थन उनके पास नहीं है.

सुप्रीयो भट्‌टाचार्य ने भाजपा की संकल्प रैली के समापन पर आयोजित सभा पर लोगों की संख्या को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं अक्सर भाजपा से कहता हूं कि जब भी सभा के लिए बाहर से लोग को लाते हो ध्यान रखो कि जिस दिन हाट-बाजार लगता है उस दिन सभा करा दो. कम से कम यह तो लगेगा कि कुछ लोग सुनने गए थे. यह अलग बात है कि वे आलू-प्याज खरीदने गए हों.

सुप्रीयो ने कहा कि भाजपा को ऐसा लगता है कि संकल्प रैली के बाद सारा जनादेश उनके साथ हो गया है. जबकि जनसभा की खाली कुर्सियां उनकी स्थिति बयां कर रही थी.

सुप्रीयो भट्‌टाचार्य ने कहा कि जनसभा में भाजपा के नेता महिलाओं और आदिवासियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करते हैं. पर वे यह नहीं कहना-बताना चाहते कि मणिपुर में किसकी सरकार है। वहां जो अमानवीय घटना हुई, उसके जिम्मेदार कौन हैं।
सुप्रीयो ने जेपी नड्डा को घेरे में लेते हुए कहा कि जो सांसद अपने गृह राज्य हिमाचल में पार्टी को जीत नहीं दिला सकता है वह छत्तीसगढ़ साधने चला है. झारखंड को सीखाने चला है. मंच से शराब घोटाले की बात करते हैं। सार्वजनिक कीजिए कि योगेंद्र तिवारी ने किनका-किनका नाम लिया है.

अब आने वाले समय में ही पता चल पाएगा कि झारखंड में भाजपा और जेएमएम के बीच की जुबानी जंग चुनाव के बाद शांत हो जाएगा या चुनाव के बाद भी ये सिलसिला जारी रहेगा.

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