झारखंड में कांग्रेस पार्टी के भीतर चुनावों को लेकर नए समीकरण गढ़े जा रहे हैं. कांग्रेस चुनाव से पहले अपनी टीम पूरी तरह मजबूत करने की तैयारी कर रही है और इसी के तहत झारखंड कांग्रेस अपने नाराज हुए नेताओं को वापस अपने पाले में करने में जुट गई है. झारखंड कांग्रेस पार्टी ने अपने पुराने नेताओं की घर वापसी को लेकर आ अब लौट चलें कार्यक्रम के तहत वापसी करा रही है. इसी बीच बीते कल सिसई की पूर्व विधायक और झारखंड की पूर्व शिक्षा मंत्री गीता श्री उरांव ने फिर से कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.
बीते कल यानी 28 अक्टूबर को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी नेतृत्व विकास मिशन शिविर का आयोजन चिरौंदी रोड स्थित गीतांजलि बैंक्वेट हॉल में किया गया. इस मौक पर झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एससी और एसटी आरक्षित सांसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में वचिंत वर्गों के बीच नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए नेतृत्व विकास चलाने का संकल्प लिया। जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक विभाग सक्रिय भूमिका निभायेंगे. इसका पहले ही पार्टी ने फैसला लिया है.
बता दें बीते साल जनवरी 2022 में गीता श्री उरांव ने कांग्रेस से इसलिए इस्तीफा दे दिया था क्योंकि गीता श्री कांग्रेस की नीतियों से खुश नहीं थी. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम लिखे पत्र में बताया था कि वे भारी मन से पार्टी छोड़ रही हैं. गीताश्री के मुताबिक पार्टी में उनके पिता स्वं कांर्तिक उरांव के योगदान और आदिवासी समाज की लगातार उपेक्षा हो रही है और आदिवासियों की समस्याएं पार्टी फोरम में जगह नहीं पा रही है.
गीता श्री के कांग्रेस में वापसी को लेकर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा क पूरे देश में बदलाव की लहर है. जिस तरह से सांप्रदायिक सद्भाव खराब कर समाज में नफरत फैलाया जा रहा है, उससे जनता ऊब चुक है. ऐसे में राज्य और देश की जनता में एक नाराजगी है. देश की गंगा जमुनी संसकृति को बचाना है. आदिवासी मूलवासी को बचाना है तो वैचारिक लड़ाई को मजबूत करना होगा.
कांग्रेस में लौटने पर गीता श्री उरांव ने कहा क मेरे घर वापसी करने पर झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आशीर्वाद देने पहुंचे हैं उससे कांग्रेस के प्रति हमारा सपर्पण और भाव बढ़ा है. गीता श्री ने कहा कि भले ही कांग्रेस छोड़ी थी लेकिन दिल से हमेशा कांग्रेस के साथ ही रहा. मेरे DNA में ही कांग्रेस है. बताया कि पिता स्वर्गीय कार्तिक उरांव मेरे जम से पहले ही कांग्रेस में शामिल हो गए थे. गीता श्री उरांव ने कहा कि मेरी मां सुमति उरांव, मेरे ससुर पूव मंत्री बंदी उरांव सभी कांग्रेसी थे.
गीता श्री उरांव ने कहा कि आज देश में आपसी भाईचारे को खत्म किया जा रहा है. ऐसे म हम सबको मिलकर दमनकारी ताकत को रोकना है. भारतीय जनता पाट पर ‘सरना-सनातन एक है’ को आदिवासियत पर वैचारिक प्रहार बताते हुए गीता श्री उरांव ने कहा कि 2024 में केंद्र से भाजपा को हम सब मिलकर सत्ता से बाहर करेंगे.
कार्यक्रम को झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने संबोधित करते हुए कहा कि आज खुशी की बात है कि गीताश्री उरांव जैसी मजबूत आदिवासी महिला की घर वापसी हो रही है. यह एक सुखद पल है . इनके आने से पार्टी और मजबूत होगी. गीताश्री उरांव एक प्रखर नेत्री के रूप में जानी जाती है.
अब आने वाले चुनावों में ही पता चल पाएगा कि झारखंड कांग्रेस में गीता श्री की वापसी से कितना लाभ मिल पाएगा, गीता झारखंड में आदिवासियों के हक के लिए आवाज उठाती रहती हैं उन्होंने किड़मियों के एसटी में शामिल होने की मांग का खुला विरोध किया है. कांग्रेस गीता श्री उरांव को झारखंड कांग्रेस का आदिवासी चेहरा बना सकती है और एसटी वोटर्स को अपनी ओरआकर्षित करने की कोशिश कर सकती है.