झारखंड पुलिस भ्रष्टाचारी सरकार का टूलकिट न बने – बाबूलाल मरांडी

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31 जनवरी को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी गिरफ्तारी के कुछ घंटों पहले रांची के एसटी- एससी थाना में आवेदन देकर ईडी के अफसरों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसी मामले को लेकर गुरूवार को रांची पुलिस ने ईडी के अधिकारियों और मीडिया संस्थानों को नोटिस भेज पूछताछ के लिए बुलाया है.

जिसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर हेमंत सोरेन पर हमला बोला है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि पत्रकार किसी को भी अपने न्युज का स्त्रोत बताने को बाध्य नहीं होते, फिर भी रांची पुलिस हेमंत सोरेन द्वारा  ईडी के लोगों के विरूद्ध दर्ज कराये गये फ़र्ज़ी एवं बिना सिर के एक मुक़दमे के मामले में पत्रकारों के उपर दबाव डालकर उनके सूत्र जानना चाहती है.

पुलिस पत्रकारों के सूत्र जानने से पहले पत्रकारों और झारखंड की जनता को ये तो बताए कि हेमंत सोरेन 40 घंटे तक भगोड़े की तरह कहां छुपे थे, किधर से भागे, किसके साथ भागे, पैदल भागे की मोटरसाइकिल से भागे, चोर की तरह रात को भागने की वजह क्या थी? ईडी, झारखंड में पिछले करीब 2 सालों से झामुमो-कांग्रेस सरकार के संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार के खुलासे के लिए धुंआधार कारवाई कर रही है, जिसकी कवरेज स्थानीय और नेशनल मिडिया पर भी होती रही है.

पत्रकारों का काम ही है अंदर की खबरें निकालना, लेकिन झारखंड पुलिस द्वारा कानून का दुरुपयोग कर पत्रकारों पर दबाव डालना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमले के समान है। हेमंत सोरेन ने अपने शासन के दौरान पुलिस-प्रशासन का दुरूपयोग अपराधियों को संरक्षण देने, लोकतंत्र की आवाज को दबाने और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को प्रताड़ित करने के लिए किया लेकिन अंततः उन्हें अपने पापों का फल भुगतना पड़ रहा है.

आगे बाबूलाल मरांडी ने झारखंड पुलिस के डीजीपी व राँची के एसएसपी, को कहा कि आपलोग न तो खुद भ्रष्टाचारी सरकार का टूलकीट बनें और न किसी दूसरे पुलिस वालों को बनने दें. पिछले दिनों गलत काम करने वालों का अंजाम देखकर सबक़ लें. पत्रकारों को अपना काम करने दें और राज्य में बेलगाम हो चुके अपराध और पुलिस की लूट-वसूली को रोकने की कोशिश करें.

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