झारखंड कैबिनेट में ट्रांसजेंडर के आरक्षण को मिली मंजूरी साथ 35 फैसलों पर लगी मुहर

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बीते कल यानी 6 सितंबर को रांची के प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में कुल 35 फैसलों पर मुहर लगाई गई,इन 35 फैसलों में कुछ बहुत अहम फैसले भी लिए गए हैं. कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना डाडेल ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी मीडिया से साझा की.

झारखंड कैबिनेट की बैठक में सबसे बड़ा फैसला राज्य की ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए लिया गया. झारखंड सरकार ने को समाज में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है. अब झारखंड के ट्रांसजेंडर समाज के लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस समुदाय के जिन लोगों को किसी भी वर्ग में आरक्षण नहीं मिला है, उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी के रिक्त क्रमांक- 46 के तहत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. सामान्य वर्ग के किन्नरों को भी इसी श्रेणी में लाभ मिलेगा. इसके अलावा इन्हें हर महिने मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत एक हजार रुपये देने का निर्णय लिया गया है. साथ ही कैबिनेट की बैठक में ट्रांसजेंडर या किन्नरों को थर्ड जेंडर घोषित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है. अब झारखंड के ट्रांसजेंडर को नई सरकारी नियुक्तियों और शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में इन्हें आरक्षण का लाभ मिल सकेगा. अगर किसी ट्रांसजेंडर को पहले से एससी-एसटी कोटे के तहत आरक्षण मिल रहा है, तो वह लाभ उन्हें जारी रहेगा।. बता दें फिलहाल राज्य में ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है. वहीं झारखंड में ट्रांसजेंडर की संख्या की बात करें तो महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग के अनुसार, झारखंड में 2011 में करीब 11,900 ट्रांसजेंडर थे. वर्तमान यानी 2023 में इनकी संख्या करीब 14,000 हो गयी है.

इसके अलावा बैठक में राज्य के पुलिस बल में सेवा देने वालों के लिए भी सरकार ने विशेष फैसला लिया है. कैबिनेट में लिए फैसले के अनुसार इलेक्शन ड्यूटी के दौरान हिंसक हमला या उग्रवादी हमले में घायल पुलिस पदाधिकारियों, कर्मियों और अन्य सरकारी सेवकों और झारखंड में प्रतिनियुक्त या कार्यरत केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवानों के स्थाई रूप से दिव्यांग होने पर उन्हें मिलने वाली मुआवजा राशि बढ़ा दी गई है. अब इन्हें सरकार की तरफ से साढ़े 7 लाख रुपये मुआवजा राशि दी जाएगी, बता दें पहले यह मुआवजा राशि साढ़े 3 लाख रु थी .

मुआवजा की राशि इस प्रकार दी जाएगी, अगर कोई पुलिस कर्मी हमले के दौरान 20 फीसदी दिव्यांग होता है तो उसे 75 हजार रु मुआवजा के रुप में दी जाएगी वहीं कोई पुलिस कर्मी 25 फीसदी दिव्यांग होता है तो उसे सरकार के द्वारा डेढ़ लाख रु दिए जाएंगे, 50 प्रतिशत दिव्यांग होने पर साढ़े 4.5 लाख, 75 फीसदी पर 6 लाख और 100 फीसदी तक दिव्यांग होने पर साढ़े 7 लाख रुपये दिए जाएंगे , जबकि उग्रवादी हमले, विस्फोट में घायल होकर दिव्यांग होने पर अधिकतम मुआवाजा राशि 15 लाख रुपये दिए जाएंगे .

इसके अलावा सरकारी स्कूलों में कक्षा आठ में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को साइकिल दी जाएगी. यह व्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 और 2024- 25 के दौरान कक्षा आठवीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए की गई है. वित्तीय वर्ष 2020-21, 21-22, और 22- 23 में आठवीं के छात्र-छात्राओं को साइकिल की राशि डीबीटी से खाते में भेजी जाएगी.

झारखंड कैबिनेट ने यह भी तय किया है कि राज्य के वित्त रहित शैक्षणिक संस्थानों को नैक ग्रेडिंग के आधार पर ही अनुदान मिलेगा. इसमें छात्र संख्या और ग्रेडिंग को आधार बनाया है. अगर किसी संस्थान में छात्रों की संख्या 2001 से अधिक है और नैक का ए ग्रेडिंग है, उसे 30 लाख रुपये तक अनुदान मिलेगा. जबकि, सबसे न्यूनतम विद्यार्थी संख्या 200 से 500 होने और ग्रेड सी होने पर चार लाख रुपये अनुदान मिलेगा.

कैबिनेट के फैसले के बाद इन संस्थानों के प्रतिनिधियों ने प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और उनके ऊपर फूल बरसाए.

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