झारखंड भाजपा ने सीएम सोरेन पर लगाया आरोप, कहा- मामले को लटकाने के लिए जानबूझ कर दाखिल की गई डिफेक्टेट याचिका

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते शनिवार को झारखंड हाईकोर्ट में जमीन घोटाला मामले में ईडी के समन के खिलाफ याचिका दायर कर दी है,बता दें हेमंत सोरेन पहले यह मामला लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया और पहले इसे हाईकोर्ट में लेकर जाने को कहा.

अब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किए जाने के बाद भी राज्य में भाजपा हेमंत सोरेन पर हमलावर हो गई है. बीते कल भाजपा ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने जानबूझ कर डिफेक्टेट याचिका हाईकोर्ट में दाखिल कर दी है यानी भाजपा का कहना है कि हेमंत सोरेन ने जो याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की है उसमें काफी त्रुटियां हैं जिसके कारण ही कार्रवाई लंबित हो रही है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी लीगल टीम पर हाईकोर्ट में मामले को जबरन लटकाने की कोशिश कर रही है. प्रतुल शाहदवे ने इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से जारी की गयी याचिका की कॉपी पत्रकारों के सामने रखी और बताया कि 23 तारीख को मुख्यमंत्री की लीगल टीम ने उनके इशारे पर जिस याचिका को हाईकोर्ट में दाखिल किया है उसमें पांच डिफेक्ट हैं. जिसकी वजह से यह मामला और आगे जा सकता है.

प्रतुल ने कहा यह सिर्फ चतुराई और धूर्तता से ईडी सम्मन मामले को उलझाने का प्रयास है.प्रतुल शाहदेव ने आगे यह भी कहा कि क्या मुख्यमंत्री के महंगे वकीलों , लीगल टीम को यह भी नहीं पता कि याचिका की एक्स्ट्रा कॉपी दी जाती है. सत्ताधारी गठबंधन पूरे जोर-जोर से कहता है कि मुख्यमंत्री ईडी के मामले में उच्च न्यायालय गए हैं,लेकिन याचिकाओं में डिफेक्ट को छोड़ दिया है. यानी मामला तब तक सूचीबद्ध नहीं होगा जब तक इन डिफेक्ट को दूर नहीं किया जाएगा. यानी एक बार फिर से मामले को लटकाने का प्रयास हो रहा.

प्रतुल शाहदेव ने कहा कि, मुख्यमंत्री को पता है कि कानून के लंबे हाथ उन तक पहुंच गए है इसलिए वह सारे मामले को ज्यादा से ज्यादा टालने की कोशिश कर रहे हैं बहुत दिनों तक यह चाल कामयाब नहीं होगी.यह मानना संभव नहीं है कि मुख्यमंत्री जी ने जिन लाखों रुपए के फीस वाले वकीलों को हायर किया है उनको इन डिफेक्ट को दूर करने में कोई परेशानी होगी. पूरा मामला को लटकाने के लिए डिफेक्ट छोड़े जा रहे हैं ताकि यह मामले सूचीबद्ध होकर सुनवाई में नहीं आए.

भाजपा के इस आरोप का जवाब झामुमो के महासचिव विनोद पांडे ने दिया है. विनोद पांडेय ने कहा कि – सीएम की याचिका में कुछ मामूली त्रुटि रह गयी थी, जिसे सुधार कर दिया जा रहा है. किसी की याचिका में डिफेक्ट होना एक सामान्य प्रक्रिया है. इसमें भाजपा इतनी हाय-तौबा क्यों मचा रही है. क्या अब भाजपा हाइकोर्ट को भी डिक्टेट करेगी. क्या भाजपा तय करेगी कि मामला कोर्ट में कब जाये न जाये, पेपर में क्या लिखा है नहीं लिखा है. श्री पांडेय ने कहा कि किसी भी अधिवक्ता से बात कर लें, अमूमन याचिका दाखिल करने के पूर्व कोई त्रुटि रह जाती है, तो उसे सुधार कर दाखिल करने के लिए कहा जाता है. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है.

झारखंड के राजनीतिक माहौल को देखकर ये लग नहीं रहा है कि भाजपा-झामुमो के बीच यह बहस जल्द खत्म होगी. आगामी चुनावों के मद्देनजर दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप फिलहाल जारी ही रहेगा. अब झारखंड हाईकोर्ट में सीएम की याचिका पर सुनवाई के बाद ही झारखंड की राजनीति में आगे का समीकरण साफ हो पाएगा.

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