मणिपुर पिछले 3 मई से जल रहा है. मणिपुर की ये हालत को अब लगभग 3 महीनों से ज्यादा का समय बीत चुका है. बावजूद इसके राज्य के हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है. मणिपुर की ये हालत को देखते हुए विपक्ष लगातार सरकार को घेरने का काम कर रही है. विपक्ष राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है. वहीं, इसके जवाब में सरकार हालत में सुधार की बात लगातार कर रही है. संसद में राहुल गांधी से लेकर विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने इस पर सरकार को घेरा है.
वहीं, सरकार के तरफ से पीएम मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने इस पर जवाब दिया है. मणिपुर पर सदन में राहुल गांधी और पीएम मोदी ने क्या कहा वो तो हम आपको बताएंगे ही लेकिन फिलहाल झारखंड के एक विधायक की बात कर लेते हैं जो चर्चा में है. उस विधायक का नाम हैं डॉ इरफान अंसारी, जामताड़ा से कांग्रेस विधायक हैं. वो अक्सर अपनी बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने जो ऐलान किया है वो काफी सराहनीय है. इरफान अंसारी ने मणिपुर के पीड़ित आदिवासियों के लिए राहत के तौर पर अपने पांच महीने का वेतन देने का ऐलान किया है. विधायक इरफान ने अपने इस निर्णय से प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय को भी अवगत करा दिया है और उनसे आग्रह किया है कि इन्हें मणिपुर जाने का अवसर दिया जाए.
खैर, अब आपको बताते हैं कि मणिपुर मामले पर सदन में राहुल गांधी ने क्या कहा और सरकार को कैसे घेरा. राहुल की संसद सदस्यता वापसी के बाद वो पहली बार संसद में बोल रहे थे, इस दौरान उन्होंने मणिपुर पर सरकार को सबसे ज्यादा घेरा. राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा के दौरान अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए संसद में दो वाकये बताए थे. ये वाकये बेहद ही मार्मिक थे. राहुल गांधी ने कहा कि वो कुछ दिन पहले मणिपुर गए थे, जहां पर पीएम मोदी आज तक नहीं गए, क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिन्दुस्तान नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि मैंने मणिपुर शब्द प्रयोग किया, लेकिन आज की सच्चाई है कि मणिपुर नहीं बचा है. मणिपुर को दो भाग में कर दिया गया है, मणिपुर को तोड़ दिया गया है.
वहीं, सदन में राहुल गांधी ने मणिपुर दौरे के दौरान एक महिला के साथ हुई बातचीत का वाकया बताया. राहुल ने कहा कि महिला ने मुझसे कहा- मेरा छोटा सा बेटा, एक ही बच्चा था मेरा. मेरी आंखों के सामने उसे गोली मारी गई, ये सुनने के बाद पूरी रात उसकी लाश के सामने लेटी रही. फिर मुझे डर लगा, मैंने अपना घर छोड़ दिया. जो मेरे पास था वो सब मैंने छोड़ दिया. बस एक फोटो मैं अपने साथ ले आई. इतना बोलते ही वो फूट-फूटकर रोने लगी.
वहीं, 10 अगस्त यानी बीते कल विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मणिपुर पर अपना पक्ष रखा. जैसे ही सदन में प्रधानमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देना शुरू किया, विपक्ष मणिपुर पर बोलने की मांग करने लगा. प्रधानमंत्री ने अपने जवाब की शुरुआत में विपक्ष को घेरा. कांग्रेस के इतिहास पर बात की. उसके बाद प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर बोलना शुरू किया.
प्रधानमंत्री ने मणिपुर के लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार हिंसा प्रभावित राज्य में शांति बहाल करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराधों पर बोलते हुए कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए हमारा जिगर का टुकड़ा है. खैर, अब देखने वाली बात होगी कि मणिपुर की राज्य सरकार और केंद्र सरकार कब तक राज्य में शांति बहाल कर पाती है.