उत्तरकाशी टनल से लौटे श्रमिकों के हित में बाबूलाल मरांडी ने सभी के लिए हेमंत सोरेन से की यह माँग

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17 दिनों के बाद मंगलवार को उत्तरकाशी के सुरंग से सभी 41 मजदूर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने ने कहां है कि झारखंड के सभी मजदूर सुरक्षित घर वापस आ रहे हैं, ऐसे में राज्य सरकार से अग्रह है, कि उनके लिए स्थानीय स्तर पर ही रोजगार की समुचित व्यवस्था और विशेष सहायता सुनिश्चित करी जाए.
झारखंड से लाखों मजदूर दूसरे राज्यों में जाकर मज़दूरी करते हैं. आपको बता दें कि लेबर मिनिस्ट्री के डेटा के हिसाब से झारखंड के 10 लाख मज़दूर ऐसे हैं जो बाहर काम कर रहे हैं. इस बारे में सीएम हेमंत सोरेन ने मजदूरों का रिकॉर्ड रखने के लिए एक विषेश योजना चलाई है, जो कि खास तौर पर दुर्घटना में हुई मौतों व घायलों को मिलने वाले मुआवजे और उनके परिवार को वित्तीय सहायता को लेकर है.

साथ ही ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद के अनुसार 2021 में प्रवासीयों के लिए सेफ एंड रिस्पॉन्सिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव योजना शुरू की गई है. इसमें पंजीकृत मजदूरों को अनहोनी घटना पर विशेष वित्तीय सहायता दी जाती है. इतना ही नहीं इस योजना में 1.39 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं जिनको सरकार द्वारा इस योजना के तहत दुर्घटना में मौत पर 2 लाख रुपये के मुआवजे का लाभ मिलेगा. वहीं अपंजीकृत श्रमिकों के परिवारों के लिए डेढ़ लाख रुपये का प्रावधान है. और तो और काम के दौरान हुए घायलों को सरकार 1 लाख रुपये की व अन्य मामलों में 75 हजार की आर्थिक मदद प्रदान करेगी.

वहीं टनल से मज़दूरो के लौटने पर बाबुलाल मरांडी अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तराखंड सीएम पुष्कर धामी और एनडीआरएफ टीम को उनकी कोशिश और कड़ी महनत के लिए धन्यवाद प्रकट किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल और सटीक मार्गदर्शन में आज इन सभी 41 जानें बचा पाना संभव हो पाया हैं.

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