15 नवंबर तक केंद्र ने सरना धर्मकोड लागू करने की घोषणा नहीं की तो 30 दिसंबर को होगा भारत बंद: सालखन मुर्मू

Share:

झारखंड में सरना धर्म कोड की मांग तेजी से बढ़ रही है. झारखंड सहित देशभर के आदिवासी अब सरना धर्म कोड लागू करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं. इसी बीच आगामी 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड दौरे पर आ रहे हैं. पीएम मोदी के दौरे से पहले आदिवासियों ने रांची के मोरहाबादी मैदान में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर महाजुटान किया. सभा में पूर्व सांसद व आदिवासी सेंगेल अभियान के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

बीते कल 8 नवंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में आदिवासी सेंगेल अभियान ने सरना धर्म कोड को लेकर में जनसभा का आयोजन किया.इस जनसभा में झारखंड के साथ-साथ बंगालऔर ओडिशा के भी आदिवासी जुटे.

जनसभा को सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने संबोधित करते हुए केंद्र सरकार को चेतावनी भी दे दी. उन्होंने कहा कि 15 नवंबर तक केंद्र ने सरना धर्मकोड लागू करने की घोषणा नहीं की तो 30 दिसंबर को भारत बंद और रेल-रोड चक्का जाम किया जाएगा.
सालखन ने कहा कि प्रधानमंत्री 15 नवंबर को बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु आ रहे हैं. यदि पीएम आदिवासियों के हितैषी हैं, तो इसी दिन सरना धर्म कोड देने की घोषणा करें. सालखन ने कहा कि भारत के 15 करोड़ आदिवासी मूर्ति पूजक नहीं बल्कि प्रकृति पूजक हैं.
सालखन मुर्मू ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा आदिवासियों को जबरन हिंदू बना रही है. अगर हेमंत सरना धर्म कोड को लेकर गंभीर हैं तो उन्हें आंदोलन करना चाहिए.

वहीं पीएम मोदी के झारखंड दौरे पर सालखन ने कहा कि आदिवासियों को हिंदू,मुस्लिम ईसाई बनाया जा रहा है.उम्मीद करते हैं कि 15नवंबर को पीएम मोदी सरना धर्म कोर्ड का एलान करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 23 साल बाद भी सीएनटी एक्ट सही से लागू नहीं हो पाया है.
सालखन ने पूरे आदिवासी समाज की ओर से कहा कि जो हमें सरना धर्म कोड देगा उसे ही आदिवासी वोट देंगे.

सालखन ने जनसभा में यह भी कहा कि वर्ष 1951 तक हमलोगों के लिए पृथक धर्म कॉलम था, जिसे कांग्रेस की सरकार ने समाप्त कर दिया। अब भाजपा हम आदिवासियों पर जबरन हिंदू का ठप्पा लगा रही है, जबकि आदिवासी न तो हिंदू हैं और न ईसाई-मुस्लिम. सरना धर्म को मान्यता देना प्रकृति को मान्यता देना है.

सभा में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि यदि आदिवासियों को धार्मिक पहचान नहीं दी गई, तो पार्टी के सांसद-विधायक को झारखंड में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। हमलोग अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। दूसरी ओर हिंदू कुरमी व तेली को भी आदिवासी बनाने की साजिश चल रही है. यदि 2024 में सरना धर्म कोड लागू नहीं हुआ तो केंद सरकार को आदिवासी उखाड़ फेंकने का काम करेगी.

Tags:

Latest Updates