Ranchi: खान विभाग के मंत्री रहते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा खुद और अपने रिश्तेदारों को लीज आवंटन करने से संबंधित आरटीआई कार्यकर्ता और हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार महतो की जनहित याचिका पर सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई.
मामले में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले के प्रतिवादियों जिनमें मुख्य रूप राज्य सरकार और निदेशालय (ईडी ) शामिल है. इन दोनों को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 1 मई निर्धारित की गई है.
इससे पहले सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने इस जनहित याचिका के मेंटेबिलिटी पर सवाल उठाते हुए कहा गया यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. इसी तरह के समान मामले में शिव शंकर शर्मा और अन्य की जनहित याचिका में सीएम हेमंत सोरेन और अन्य के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट के खंडपीठ के द्वारा पारित आदेश को पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था.
हेमंत सोरेन पर क्या है आरोप
हेमंत सोरेन पर खनन मंत्री होते हुए अपने नाम पर रांची के समीप अनगड़ा में खनन पट्टा रखने और अपने करीबियों का अवैध पैसा शेल कंपनियों में लगाने का आरोप लगा था. साथ ही सीएम ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन और उनकी बहन सरला मुर्मू के नाम पर भी खनन लीज आवंटित कराने का आरोप है. मुख्यमंत्री पर यह आरोप भी लगा था कि उन्होंने संवैधानिक पद पर रहते हुए अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है.