पोता IAS, बेटा करोड़पति, भूख के कारण माता-पिता ने कर लिया सुसाइड

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जमाने को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है. मामला हरियाणा के चरखी-दादरी के बाढ़ड़ा की शिव कॉलोनी का है. इसी कॉलनी में रहने वाले 78 साल के जगदीश चंद्र आर्य और उनकी पत्नी भागली देवी (77 साल ) ने 29 मार्च की रात को स्लफास की गोली खा ली और अपनी जान दे दी.

क्यों किया सुसाइड

जगदीश चंद्र आर्य ने स्लफास खाने के बाद पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी. जब पुलिस पहुंची तो उन्होंने एक नोट पुलिस को दिया. प्रशासन इसे सुसाइड नोट बता रही है.

पुलिस के पहुंचने के बाद दंपति की तबियत बिगड़ने लगी तो उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करया गया. स्थिति खराब हुई तो उन्हें दादरी सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई. प्रशासन नें इस मामले में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है.

मरने से पहले बुजुर्ग दंपति ने उस सुसाइड नोट में लिखा था…

“मैं जगदीश चंद्र आर्य आपको अपना दुख सुनाता हूं. मेरे बेटे के पास बाढ़ड़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उसके पास मुझे देने के लिए दो वक्त की रोटी नहीं हैं. मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था. 6 साल पहले उसकी मौत हो गई. कुछ दिन उसकी पत्नी ने साथ रखा,  लेकिन बाद में उसने गलत काम करना शुरू कर दिया. मैंने विरोध किया तो पीटकर घर से निकाल दिया. घर से निकाले जाने के बाद मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा. फिर वापस आया तो उन्होंने मकान को ताला लगा दिया. इस दौरान मेरी पत्नी लकवा का शिकार हो गई और हम दूसरे बेटे के पास रहने लगे.

कुछ दिन बाद दूसरे बेटे ने भी साथ रखने से मना कर दिया और मुझे बासी खाना देना शुरू कर दिया है. ये मीठा जहर कितने दिन खाता, इसलिए मैंने सल्फास की गोली खा ली. मेरी मौत का कारण मेरी दो पुत्रवधू, एक बेटा और एक भतीजा है.  जितने जुल्म उन चारों ने मेरे ऊपर किए, कोई भी संतान अपने माता-पिता पर न करे. मेरी बात सुनने वालों से प्रार्थना है कि इतना जुल्म मां-बाप पर नहीं करना चाहिए. सरकार और समाज इनको दंड दे. तब जाकर मेरी आत्मा को शांति मिलेगी. बैंक में मेरी दो एफडी और बाढ़ड़ा में दुकान है, वो आर्य समाज बाढ़ड़ा को दे दी जाएं.”

पुलिस ने किया मामला दर्ज

डीएसपी वीरेंद्र श्योराण नें पूरे मामले पर बात करते हे बताया कि जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्हें जगदीश चंद्र ने एक नोट दिया था. जिसमें उन्होंने अपने परिवार को ही अपने मौत का कारण बताया है. पुलिस ने मामले को सज्ञांन में लेते हुए मृतक के बेटा वीरेंद्र, दोनों बहू और भतीजे के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में लग गई है. विरेंद्र का पोता विवेक आर्य आईएएस है और फिलहाल ट्रेनी है.

वहीं, मृतक के बेटे विरेंद्र का कहना है कि उसके माता पिता पिछले दो साल से बीमार थे और इसी बात को लेकर परेशान भी रहते थे. इसलिए दोनों ने अपनी जान दे दी.

 

 

 

 

 

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