लोहरदगा दंगे के पीड़ितो को सरकार देगी मुआवजा, 91 पीड़ितों को दी जाएगी इतनी राशि

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23 जनवरी 2020 को लोहरदगा दंगे के प्रभावितों को पूरे साढ़े तीन साल बाद सरकारी मुआवज़ा प्राप्त होगा. दरअसल सीएए यानी नागरिक संशोधन नियम 2019 को पारिस हुआ था. इसी क्रम में 23 जनवरी 2020 को लोहरदगा के ललित नारायण स्टेडियम से लेकर शहर के मुख्य मार्ग में तिरंगा यात्रा का आयोजन हुआ था.आपको बता दें की यह यात्रा नागरिक संशोधन कानून यानी सीएए के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद और दूसरे संगठनों द्वारा निकाली गई थी.और इस प्रदर्शन के दौरान मामला हिंसक हो गया था.तिरंगा यात्रा में शामिल लोगो पर पत्थरबाजी हुई थी.घटना में घायल हुए लोगो में पुलिस प्रशासन के जवान, अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी के साथ-साथ कुछ आम लोग भी थे. यह घटना इतनी भयानक हो गई कि हिंसक भीड़ ने तत्कालीन उपायुक्त आकांक्षा रंजन, तत्कालीन एसपी प्रियदर्शी आलोक यहां तक की पुलिस बल के जवानों पर भी पत्थर चलाए थे. इस बीच करोड़ों की संपत्ति तो जल कर राख हुई ही साथ ही घटना में सैकड़ों लोग भी घायल हुए थे. और अब पूरे साढ़े तीन साल बाद सरकार इस सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित पीड़ितो के घाव पर सरकारी मरहम लगाने बाली है. रिर्पोट्स के अनुसार, हिंसा प्रभावितों को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. इस पर राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. इस मुआवज़े का पीड़ितों को लंबे समय से इंतज़ार था. अब जल्द ही मुआवजे की राशि पीड़ितों के बैंक खाता में प्राप्त हो जाएगी. इस जुलूस के दौरान, शहर मं पथराव आग-जनी व सांप्रदायिक तनाव की घटना में चल-अचल संपत्ति को भारी नुकसान पहुंची हैं. इसका आकलन कर, 91 प्रभावितों के क्षतिपूर्ति राशि भुगतान के लिए कुल 51 लाख, 53 हजार, 600 रुपए मुआवजे के भुगतान की स्वीकृति कर, आवंटन उपलब्ध कराने का लोहरदगा डीसी के द्वारा अनुरोध किया गया था. घटना को हुए काफी समय के बाद अब जा कर प्रभावितों को मुआवजा मिल पाएगा. जिससे पीड़ितों को काफी हद तक राहत मिल सकती है.

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