दुबई में बैठा गैंगस्टर प्रिंस खान रंगदारी,हत्या ,लूट के बाद अब साइबर क्राइम में भी अपने पांव पसार रहा है. झारखंड में खासतौर पर धनबाद में प्रिंस खान के नाम से लोगों में दहशत माहौल है, भले प्रिंस खान अभी दूबई में जाकर छिपा है लेकिन वह दुबई से ही झारखंड में अपने काम को अंजाम देता है. प्रिंस खान के गुर्गे राज्य में चारों तरफ फैले हौं जो प्रिंस खान के इशारों पर झारखंड में आतंक फैलाने का काम करते हैं. झारखंड पुलिस लगातार प्रिंस खान के गुर्गों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. बीते दिनों धनबाद पुलिस ने गैंगस्टर प्रिंस खान के कथित फाइनेंसियल मैनेजर वीर सिंह को गिरफ्तार किया है. धनबाद पुलिस के पास वीर सिंह ने कई सनसनीखेज खुलासे किए है, वीर सिंह के खुलासे के बाद पुलिस अब और भी एक्टिव मोड में आ गई है.
वीर सिंह ने पुलिस के सामने खुलासा किया है कि प्रिंस खान ने रंगदारी की रकम वसूलने तथा उस रकम को दुबई तक मंगवाने के लिए एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया है.
अब प्रिंस खान साइबर अपराधियों के अंदाज में काम कर रहा है. जेल जाने से पहले वीर सिंह ने पुलिस को बताया कि प्रत्येक नये खाता खुलवाने के लिए प्रिंस खान उसे तीन हजार रुपये देता था तथा जिसके नाम पर खाता खुलता था उसे सात हजार रुपये महीना नगद दिया जाता था। सिर्फ खाता उसके नाम से रहता था पर एटीएम व पासबुक वह खुद रखता था।
प्रिंस खान ने इस काम के लिए ऐसे लोगों को चुना जो गरीब और मजदूर वर्ग के हैं जिन्हें पैसों की बहुत जरुरत है. इस नेटवर्क में लगभग 50 ऐसे लोग जुड़े हैं, जो बेरोजगार व मजदूर वर्ग के हैं।इस सभी लोगों के नाम से विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाया गया है. जिनके नाम से खाता खुला है वैसे खाताधारियों को प्रिंस खान 7-8 हजार रुपये हर महीना देता है।
प्रिंस खान इस तरह के खाते खुलवाने के लिए सिर्फ आधार व आईडी कार्ड का किराया हर महीने लगभग 4 लाख रुपये खर्च कर रहा है. वहीं वीर सिंह ने पुलिस को बताया कि प्रिंस खान के लिए रुपये ट्रांजैक्शन करने का काम मोना नामक की एक युवती, यूपी के प्रमोद तथा गाजियाबाद के अभिषेक उर्फ अमन कुमार कर रहे हैं. अब पुलिस इन तीनों गुर्गों की तलाश मे है और जिला पुलिस प्रिंस खान गैंग से जुड़े तकरीबन 100 से अधिक संदिग्ध बैंक खाता भी खंगाल रही है.