रांची और चाईबासा के 25 से ज्यादा ठिकानों पर ईडी की छापेमारी हुई है.
ईडी ने रांची के इंद्रपुरी स्थित कारोबारी विजय अग्रवाल के घर पर छापा मारा. चाईबासा में मंत्री मिथिलेश ठाकुर के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
उनके भाई विनय ठाकुर के ठिकानों पर भी ईडी की छापेमारी हो रही है. आईएएस मनीष रंजन के आवास पर भी छापेमारी की गयी है.
गौरतलब है कि सुबह तकरीबन 4 बजे ही ईडी की टीम विभिन्न ठिकानों पर पहुंची और छापेमारी शुरू कर दी.
कारोबारी विजय अग्रवाल के परिवार के सदस्यों से तकरीबन 4 घंटे तक पूछताछ की गयी थी.
विभाग के इंजीनियर और ठेकेदारों के घर छापा
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी को अहम दस्तावेज मिले हैं.
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक जल जीवन मिशन में कथित घोटाला के सिलसिले में यह छापेमारी की जा रही है.
आईएएस मनीष रंजन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव रह चुके हैं. इस समय ग्रामीण विकास और ग्रामीण निर्माण विभाग के सचिव के अतिरिक्त प्रभार पर हैं.
मोरहाबादी, डोरंडा, हरमू, हरिहर सिंह रोड सहित अन्य पॉश इलाकों में ईडी की छापेमारी जारी है.
मोरहाबादी स्थित मनीष रंजन की बहन के आवास पर भी छापेमारी की गयी है.
चुनाव की घोषणा से पहले शिकंजे में मंत्री मिथिलेश
गौरतलब है कि मंत्री मिथिलेश ठाकुर, आईएएस डॉ. मनीष रंजन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर के भाई विनय ठाकुर और कारोबारी विजय अग्रवाल सहित विभाग के इंजीनियर्स और बाकी अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
दावा है कि इस कार्रवाई से झारखंड में एक और बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया जा सकता है.
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी ने यह कार्रवाई जल जीवन मिशन में कथित तौर पर भारी वित्तीय अनियमितता के सिलसिले में की है.
इससे पहले ग्रामीण विकास और ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम भी टेंडर कमीशन घोटाला मामले में जेल जा चुके हैं.
उनके पीएस संजीव लाल के घरेलु सहायक जहांगीर आलम के फ्लैट से 35 करोड़ रुपये से अधिक की रकम मिली.
अब चुनाव की घोषणा से पहले मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर ईडी का शिकंजा कसता नजर आ रहा है.
बताया जा रहा है कि इसमें कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं.