सीता सोरेन के BJP में शामिल होते ही सोरेन परिवार में शुरु हो गई डिजिटल मारपीट

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RANCHI : मंगलवार को सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन ने भाजपा ज्वाइन कर लिया. जिसके बाद से मानो सोरेन परिवार में डिजिटल वॉर शुरू हो गया है. सीता सोरेन के भाजपा में शामिल होने के बाद कल्पना सोरेन ने प्रतीकात्मक तौर पर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा था कि हेमन्त जी के लिए स्वर्गीय दुर्गा दा, सिर्फ बड़े भाई नहीं बल्कि पिता तुल्य अभिभावक के रूप में रहे. 2006 में ब्याह के उपरांत इस बलिदानी परिवार का हिस्सा बनने के बाद मैंने हेमन्त जी का अपने बड़े भाई के प्रति आदर तथा समर्पण और स्वर्गीय दुर्गा दा का हेमन्त जी के प्रति प्यार देखा.

हेमन्त जी राजनीति में नहीं आना चाहते थे परंतु दुर्गा दादा की असामयिक मृत्यु और आदरणीय बाबा के स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें राजनीति के क्षेत्र में आना पड़ा. आगे वो लिखती है झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का जन्म समाजवाद और वामपंथी विचारधारा के समन्वय से हुआ था. आदरणीय बाबा एवं स्व दुर्गा दा के संघर्षों और जो लड़ाई उन्होंने पूंजीपतियों-सामंतवादियों के खिलाफ लड़ी थी उन्हीं ताकतों से लड़ते हुए आज हेमन्त जी जेल चले गये। वे झुके नहीं.

वैसे भी हमारे आदिवासी समाज ने कभी पीठ दिखाकर, समझौता कर, आगे बढ़ना सीखा ही नहीं है. झारखण्डी के DNA में ही नहीं है झुक जाना. सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है सतत संघर्ष ही.

वहीं कल्पना सोरेन के पोस्ट को रिट्वीट करते हुए सीता सोरेन की बेटी राजश्री सोरेन ने लिखा है कि मेरे पिता अपने लोगों के संरक्षक थे! उन्होंने हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी! वह लोगों की आवाज़ थे! उन्होंने झामुमो को मजबूत बनाने में अपना खून-पसीना बहाया. कृपया अपनी वास्तविकता छिपाने के लिए मेरे पिता के नाम का उपयोग न करें.

 

इसके बाद सीता सोरेन ने भी सोशल मीडिया एक्स पर लगातार पोस्ट कर लिखा है कि मेरे पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन जी के निधन के बाद से मेरे और मेरे बच्चों के जीवन में जो परिवर्तन आया, वह किसी भयावह सपने से कम नहीं था. मुझे और मेरी बेटियों को न केवल उपेक्षित किया गया, बल्कि हमें सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी अलग-थलग कर दिया गया.

मेरे इस्तीफे के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं है. यह मेरी और मेरी बेटियों की पीड़ा, उपेक्षा और हमारे साथ हुए अन्याय के खिलाफ एक आवाज है. जिस झारखंड मुक्ति मोर्चा को मेरे पति ने अपने खून-पसीने से सींचा, वह पार्टी आज अपने मूल्यों और कर्तव्यों से भटक गई है.

अगर हमने मुंह खोला तो कितनों का राजनैतिक सुख चूर हो जायेगा – सीता सोरेन

सीता सोरेन ने अपने आखिरी पोस्ट पर लिखा है कि अगर मैं और मेरे बच्चों ने मुँह खोलकर भयावह सच्चाई उजागर किया तो कितनों का राजनैतिक और सत्ता सुख का सपना चूर चूर हो जायेगा और झारखंड की जनता वैसे लोगों के नाम पर थूकेंगी जिन्होंने हमेशा से दुर्गा सोरेन और उनके लोगों को मिटाकर समाप्त करने की साज़िश की है.

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