बीते कुछ दिनों से झारखंड में डेंगू के मरीजों की संख्या में बेहिसाब बढ़ोत्तरी हुई है. प्रति दिन मरीज डेंगू का शिकार हो रहे हैं. लेकिन डेंगू के साथ-साथ अब चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या भी प्रदेश में बढ़ती जा रही है.
आपको बता दें डेंगू का कहर सबसे ज्यादा पूर्वी सिंहभूम में फैला है. अब तक झारखंड में पांच लोगों की मौत डेंगू के कारण हो चुकी है. सभी मृतक जमशेदपुर के रहने वाले थे.
आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग जो आंकड़ा जारी करता है उसके मुताबिक बीते मंगलवार को 76 संदिग्ध मरीज मिले थे. डॉक्टरों को ये आशंका थी कि इन मरीजों को डेंगू होने की संभावना है. जांच के बाद 46 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है.
चिकनगुनिया को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, ये भी चिंताजनक हैं. क्योंकि ये आंकड़े अब धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं. बीते कल 96 संदिग्ध मरीज मिले थे, इनमें 52 मरीजों ने जांच कराया, जिनमें चार मरीज पॉजिटिव मिले.
डेंगू के मरीजों की किस जिले में कितने मरीज हैं वो बाताते हैं
- पूर्वी सिंहभूम में सबसे ज्यादा डेंगू के 36 मरीज मिले हैं
- रांची में डेंगू के 15 संदिग्ध ने जांच कराया था. इनमें एक में डेंगू की पुष्टि हुई है.
- धनबाद में डेंगू के पांच मरीजों की पुष्टि हुई है.
- खूंटी में तीन नए मरीज मिले हैं.
- वहीं चतरा जिले में एक नए मरीज मिला है
इन जिलों के अलावा किसी और जिले में डेंगू के मरीज नहीं मिले हैं. हालांकि डेंगू और चिकनगुनिया के जांच के लिए सभी जिले में स्वास्थ्य विभाग ने व्यवस्था दुरुस्त रखी है.
डेंगू के मरीजों में मुख्यातह बल्ड प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाना भी पड़ता है. लेकिन फिलहाल झारखंड में ऐसे मरीज केवल 10 फीसदी ही हैं. जिन्हें बल्ड प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है. अस्पतालों में उन मरीजों को भर्ती किया जा रहा है जिनका बल्ड प्लेटलेट्स 20 हजार से कम है. ताकि दवाईयों के मदद से मरीज की प्लेटलेट्स को बढ़ाया जा सके. वहीं, जिन मरीजों में 40 हजार प्लेटलेट्स से अधिक होते हैं, उन्हें इलाज के लिए भर्ती नहीं किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग तो डेंगू पर काबू पाने के ततपर दिख रहा है. अस्पतालों में डेंगू के मरीजो के लिए बेड रिजर्व रखा गया है. कई तरह के जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं कि कैसे डेंगू के मच्छर को फैलने से रोका जाए. लेकिन इसके बाबजूद अगर डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है तो ये चिंता का विषय है.