CM हेमंत ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र को खत्म करने का लगाया आरोप, दीपक प्रकाश ने दी तीखी प्रतिक्रिया

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Ranchi: झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि परिवारवादी पार्टियों को लोकतंत्र पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. झामुमो जैसी परिवारवादी पार्टी राजतंत्र की मानसिकता से ग्रसित हैं. झामुमो बताए जिस पार्टी में पिता अध्यक्ष, पुत्र कार्यकारी अध्यक्ष, मां उपाध्यक्ष और भाभी, भाई सभी केंद्रीय पदाधिकारी हों उसमें कौन सी लोकतांत्रिक व्यवस्था चल रही है. हेमंत सोरेन यह भी बताएं की आपातकाल लगाकर देश में लोकतंत्र को समाप्त करने की साजिश करने वाली कांग्रेस से लोकतंत्र का कैसे भला होगा.

कांग्रेस और उसकी परिक्रमा करने वाली झामुमो, राजद, समाजवादी पार्टी, तृणमूल आदि सभी क्षेत्रीय पार्टियां मिलकर देश में परिवार तंत्र लाना चाहते हैं. अपने-अपने क्षेत्रों का क्षत्रप बनकर जनता की गाढ़ी कमाई से अपनी तिजोरी भरना चाहते हैं. देश की जनता ऐसा कभी नहीं होने देगी. भारत की आत्मा लोकतंत्र है. यहां के डीएनए में लोकतंत्र है. देश की जनता ने अब ऐसी पार्टियों के मंसूबों पर पानी फेरना शुरू कर दिया है. ऐसी पार्टियों की वास्तविकता उजागर हो चुकी है. तुष्टिकरण और परिवार कल्याण में जी जान से जुटे मुख्यमंत्री ने तीन वर्षों में राज्य को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है.

केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देश का लोकतांत्रिक ढांचा हो रहा ध्वस्त: हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री ने सोमवार को सामाजिक न्याय महासंघ के राष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा था कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी हम सामाजिक न्याय को लेकर चिंतित है. जब देश को अमृतकाल और विश्व गुरू की संज्ञा दी जा रही है. उस दौरान हमलोग सामाजिक न्याय की मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देश का लोकतांत्रिक ढांचा ध्वस्त हो रहा है. आज भी ST, SC, OBC, माइनॉरटी और महिलाओं को अधिकारों के लिए संघर्ष के खिलाफ लड़ना पड़ रहा है. इस बात को सीएम हेमंत सोरेन ने नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो कंफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा था.

“सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि देश में लोकतंत्र खतरे में है’. आज भी सामाजिक लड़ाई को देखते हैं तो उन्हें अपने पिता शिबू सोरेन की संघर्ष यात्रा की याद आ जाती है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आज भी हम खुद को वहीं देख रहे है, जहां से हमारे पूर्वजों ने अपने संघर्ष को शुरू किया था.

 

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